भोपाल। प्रदेश के पूर्व पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस एक बार फिर चर्चाओं में हैँ। हालांकि इस बार उन पर ना तो कोई आरोप लगा है और ना ही कोई शिकायत दर्ज हुई है। दिल्ली से चली खबरों क्व अनुसार बैंस का नाम केंद्र शासन में किसी पद के लिए प्रस्तावित किया गया है। पीएमओ में उनके नाम की चर्चा है, पर अभी तक इस मामले में कोई फैसला हुआ है या नहीं, इसकी जानकारी बाहर नहीं आई है।
प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस दिग्विजय सिंह के दूसरे कार्यकाल से लेकर शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल तक समय समय पर पॉवरफुल रहे हैँ। वर्तमान में उनके पुत्र अमन सिंह बैंस भी आईएएस हैँ। बैंस को मुख्य सचिव के रूप में सेवावृद्धि भी मिली, लेकिन रिटायर्मेंट के पहले ही उनके खिलाफ बड़ी संख्या में अफसरशाही खुलकर सामने आने लगी थी।
बैंस आजीविका मिशन में हुए भ्रष्टाचार के आरोप में भी फंसे हुए हैँ। पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर भोपाल लोकायुक्त ने ये कार्रवाई की है। सकलेचा ने पूर्व मुख्य सचिव बैंस और बेलवाल पर सन 2018-19 से सन 2021-22 के दौरान पोषण आहार तथा अन्य योजनाओं में 500 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। ऑडिटर जनरल ने मार्च 2025 में विधानसभा में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख किया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इकबाल सिंह बैंस ने सन 2017 में अपने चहेते बेलवाल को वन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाकर आजीविका मिशन का सीईओ बना दिया था।
ललित मोहन बेलवाल सन 2018 में सेवानिवृत्त हो गए थे। तब भी इकबाल सिंह बैंस ने जून 2020 में उन्हें संविदा आधार पर पुनः आजीविका मिशन का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बना दिया। एक वर्ष के लिए की गई इस नियुक्ति के फौरन बाद बेलवाल ने पोषण आहार बनाने का काम एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन से लेकर आजीविका मिशन को दे दिया।हालांकि 23 मार्च 2020 को पुनः बीजेपी की सरकार बन गई। तब शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने दूसरे ही दिन इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया था।
इसके अलवा बैंस का नाम एक व्यापारी और बिल्डर राजेश शर्मा के यहाँ पड़े छापे के बाद इस मामले से भी जोड़ा गया था। हालांकि इस मामले में अधिकृत तौर पर उनके खिलाफ कुछ भी सामने नहीं आया। फिलहाल दिल्ली से चलकर भोपाल के मंत्रालय में चल रही चर्चाओं पर भरोसा करें तो बैंस को केंद्र में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है।