शनिवार समेत भूलकर भी इन दिनों ना काटें नाखून, मां लक्ष्मी होंगी नाराज, बैठे बिठाए लग जाएगी लंका
धर्म शास्त्रों में नहाने से लेकर खाने तक और जाने लेकर नाखून काटने तक. हर चीज के नियम बनाए गए हैं और इन नियमों का पालन करने से ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर में भी सुख-शांतचि रहती है. ज्योतिष शास्त्र में नाखून काटने को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, इन नियमों को ध्यान में रखेंगे तो ना सिर्फ कष्टों से मुक्ति मिलेगी बल्कि इसका प्रभाव कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्रों पर भी पड़ता है. नाखून काटने के ज्योतिषीय नियम, परंपरा, शास्त्रों और लोकविश्वासों से जुड़े हुए हैं. इन नियमों का उद्देश्य स्वास्थ्य, स्वच्छता और आध्यात्मिक ऊर्जा को संतुलित रखना होता है. आइए जानते कौन से दिन नाखून काटना शुभ होता है और कौन से नाखून काटने से अशुभ होता है…
सोमवार का दिन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सोमवार के दिन नाखून काटना अशुभ माना जाता है. सोमवार का दिन भगवान शिव के साथ चंद्र देव को समर्पित है. इसलिए इस दिन नाखून काटने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति प्रतिकूल होती है और मन में नकारात्मक विचार आते हैं और माता के साथ भी संबंध खराब होने का खतरा बना रहता है.
मंगलवार का दिन
मंगलवार का दिन बजरंगबली और ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह को समर्पित है. इस दिन भूलकर भी नाखून नहीं काटने चाहिए. मान्यता है कि इस दिन नाखून काटना अशुभ माना जाता है. मंगल ग्रह का संबंध रक्तस ऊर्जा, साहस आदि से है इसलिए इस दिन दिन नाखून काटने से रक्त संबंधी रोग होने का खतरा बना रहता है और निर्णय लेने में भी समस्या होती है.
बुधवार का दिन
बुधवार के दिन नाखून काटना शुभ माना जाता है. इस दिन नाखून काटने से जल्द ही अच्छा लाभ मिलता है और नौकरी व कारोबार में अच्छी तरक्की भी होती है. बुधवार का दिन बुध ग्रह से है, जो बुद्धि, नौकरी, कारोबार, ज्ञान, भाग्य आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं. बुधवार के दिन नाखून काटने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
गुरुवार का दिन
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है इसलिए गुरुवार के दिन भूलकर भी नाखून नहीं काटने चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर होती है और गुरु ज्ञान, आस्था, भाग्य, धन आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं और नाखून काटने से इन सभी चीज की हानि होती है.
शुक्रवार का दिन
शुक्रवार के दिन नाखून काटना शुभ माना जाता है. शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी और भौतिक सुख-सुविधा के स्वामी शुक्र ग्रह को समर्पित है. शुक्र ग्रह सौंदर्य, ऐश्वर्य, धन, संपदा, समृद्धि और स्वच्छता से जुड़ा हुआ है इसलिए इस दिन नाखून काटने से कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद बना रहता है.
शनिवार का दिन
अगर आप शनिवार के दिन नाखून काटते हैं तो ऐसा करने से बचें. मान्यता है कि शनिवार के दिन नाखून काटने से शारीरिक कष्ट होता है. शनिवार का दिन न्याय के देवता और कर्म के कारक ग्रह शनिदेव को समर्पित है इसलिए इस दिन नाखून काटने से शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति भी कमजोर होती है, जिससे कई तरह के दोष लगने का खतरा बना रहता है.
रविवार का दिन
रविवार के दिन भूलकर भी नाखून काटने से बचना चाहिए. रविवार का दिन ग्रहों के राजा सूर्यदेव को समर्पित है और सूर्य आत्मा, तेज, प्रशासन आदि से संबंधित हैं. अगर आप रविवार के दिन नाखून काटते हैं तो आपको प्रशासन संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
समय के अनुसार नियम
सूर्यास्त के बाद नाखून काटने से बचना चाहिए. ज्योतिष में रात्रि समय को तामसिक ऊर्जा से जुड़ा माना गया है और सूर्यास्त के समय अगर आप नाखून काटते हैं इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रभावित कर सकती है.
इन त्योहार और तिथियों पर ना काटें
अमावस्या और पूर्णिमा के दिन नाखून काटने से बचना चाहिए. साथ ही बिस्तर पर नाखून काटने से धन की हानि होती है. धार्मिक दृष्टि से पवित्र दिन जैसे एकादशी, गुरु पूर्णिमा, नवरात्रि, आदि त्योहार और शुभ तिथियों पर नाखून काटना वर्जित माना जाता है.
नाखून कहां और कैसे फेंकें
कटे हुए नाखूनों को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए. इसे नकारात्मक ऊर्जा फैलाने वाला माना जाता है इसलिए नाखून को हमेशा मिट्टी में दबाना या ढककर कूड़ेदान में डालना उचित होता है.