मशहूर लेखक जिया फारूकी का निधन, बड़ा बाग कब्रिस्तान में दफनाया गया

भोपाल: मंगलवार की सुबह जब शायर और साहित्यकार जिया फारूकी के निधन की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों को यकीन ही नहीं हुआ। डॉ. नजर महमूद ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उनसे मुलाकात हुई थी, लेकिन खबर सुनकर यकीन ही नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले जिस तरह से वे स्वस्थ, तंदुरुस्त और सक्रिय नजर आए थे, उसके हिसाब से यह खबर यकीन करने लायक नहीं लगती, लेकिन उन्होंने अल्लाह के फैसले को सर्वोपरि मानते हुए उनकी मगफिरत की दुआ मांगी। कई कार्यक्रमों और कभी-कभी सिर्फ मुलाकातों के लिए जिया फारूकी के साथ रहे डॉ. मेहताब आलम ने एक रात पहले उनसे फोन पर लंबी चर्चा की थी।

जिया फारूकी की अंतिम यात्रा

रिटायर्ड डीजीपी एम. डब्लू. अंसारी ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जिया फारूकी के निधन की जानकारी दी। दोपहर को जिया फारूकी की अंतिम यात्रा कोह-ए-फिजा स्थित उनके आवास से शुरू हुई, जिसकी नमाज-ए-जनाजा सैफिया रोड शेड में अदा की गई, जिसके बाद उन्हें बड़ा बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

डॉ. अंजुम बाराबंकवी, इकबाल मसूद, सैयद इफ्तिखार अली और शहर के साहित्यिक और मुशायरा मंचों से बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने आए थे। जिया फारूकी साहित्य जगत में एक प्रसिद्ध, चर्चित और लोकप्रिय नाम रहे हैं। मुंशी हुसैन खां तकनीकी संस्थान के लिए उनकी सेवाओं को भी हमेशा याद किया जाएगा।

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