गिरती छत, उड़ते टिन—बच्चों की शिक्षा पर मंडरा रहा खतरा

दमोह। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में इस साल भी बच्चों को जर्जर भवनों में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। वर्तमान में बारिश का दौर जारी है और अधिकांश स्कूल भवनों की हालत जर्जर है। बगदरी गांव में संचालित प्राथमिक स्कूल का छप्पर गिर गया। जिसे देखते हुए अधिकांश अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया। उन्हें अंदेशा है बारिश में कहीं कोई हादसा न हो जाए। इसके बाद शिक्षकों ने स्कूल को दो पालियों में लगाना चालू कर दिया है। पिछले साल की गलतियों से अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया और नहीं जनप्रतिनिधियों ने कोई ध्यान दिया। जिससे इस साल भी बच्चों को जर्जर भवनों में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।

तेंदूखेड़ा ब्लॉक में 80 शासकीय स्कूल भवन ऐसे हैं, जो लंबे समय से मरम्मत मांग रहे हैं, लेकिन उनमें बजट के अभाव में कोई काम नहीं हो पाया है। वहीं कुछ स्कूल ऐसे है जो जर्जर अवस्था में है, उन्हे गिराकर नए भवन बनाने की सख्त जरूरत है। ताकि विद्यार्थियों को सुगम जगह पढ़ाई की सुविधा मिले, लेकिन शासन और शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है।

बारिश में गिर गया स्कूल

तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बगदरी गांव में संचालित प्राथमिक स्कूल का भवन गिर गया। सोमवार को जब शिक्षक पहुंचे तो उन्हें स्कूल का पूरा छप्पर गिरा मिला। गनीमत यह रही कि जब छप्पर गिरा तब बच्चे नहीं थे। यही आलम बमोहरी ग्राम पंचायत के रामादेही गांव में संचालित प्रथमिक स्कूल में देखने मिल रहा है। यहां तीन कक्ष है जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। लोगों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है क्योंकि ये भवन कभी भी हादसे का शिकार हो सकता है। यहां पदस्थ शिक्षकों की माने तो भवन क्षतिगस्त हैं इसकी सूचना अधिकारियों को भेजी जा चुकी है, लेकिन सुधार का कोई बजट नहीं है इसलिए यह नौबत बनी है।

ये बोले अभिभावक

रामदेही गांव के अभिभावकों ने बताया क्षतिग्रस्त भवन में संचालित स्कूल में बच्चों को भेजना बंद कर दिया है। स्कूल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। बड़े-बड़े सीमेंट के गिट्टे गिरते हैं यदि किसी बच्चे के सिर पर गिर गया तो वह गंभीर घायल हो जाएगा। इसलिए हम लोगों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। जब तक दूसरी जगह स्कूल चालू नहीं होता हम बच्चों को पढ़ने नहीं भेजेंगे। इसी तरह अन्य अभिभावकों ने बताया स्कूल में तीन कमरे हैं तीनों खराब है। बच्चे छोटे हैंं बारिश का दौर चल रहा है कभी भी छत गिर सकती है।

शिक्षकों ने बताया रामदेही गांव में संचालित शासकीय प्राथमिक स्कूल का भवन जर्जर हो गया है। अभिभावक बच्चों को भेजने तैयार नहीं थे। निजी घरों में स्कूल संचालित करने का पहले विचार बनाया था, लेकिन बच्चे के माता पिता तैयार नहीं हुऐ। इसलिए तत्कालीन व्यवस्था के लिए रामदेही गांव में कक्षाओं को दो भागो में लगाने की सहमति बनी है। मिडिल स्कूल का संचालन सुबह से बारह बजे तक होगा। उसके बाद प्रथमिक स्कूल लगेगा। इसकी सहमति भी उच्च अधिकारियों से ली गई हैं।

प्रधान अध्यापक मोनिका पारासर ने बताया कि स्कूल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लगातार छत से प्लास्टर गिर रहा था। अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे थे। अधिकारियों के निर्देश पर स्कूल दो पालियों में लगाया जा रहा है। तेंदूखेड़ा बीआरसी पीएल अहिरवाल ने बताया स्कूलों की मरम्मत की राशि गौड़ खनिज विभाग से पंचायतों के खातों में आई है। पंचायत सुधार कार्य चालू नहीं करा रहे है शिक्षा विभाग के पास सुधार हेतु बजट नहीं है।

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