MP : 40000 में मंत्री का लेटर, ट्रांसफर से लेकर सब काम, मंत्री से सवाल- साहब, इतने छोटे कर्मचारियों के लिए भी लेटर जारी कर रहे हैं?

छिंदवाड़ा। जिले में सहायक सचिव का ट्रांसफर रुकवाने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री के नाम का फर्जी लेटर इस्तेमाल किया गया। इस फर्जीवाड़े की कीमत सिर्फ ₹40,000 थी, जिसमें मंत्री का लेटर बनवाने से लेकर ट्रांसफर रुकवाने तक का काम शामिल था।

मामले का खुलासा तब हुआ, जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेता सतीश नागवंशी ने प्रभारी मंत्री राकेश सिंह से सवाल किया, “साहब, क्या आप इतने छोटे कर्मचारियों के लिए भी ट्रांसफर रुकवाने के लेटर जारी कर रहे हैं?” मंत्री यह सुनकर हैरान रह गए, क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया था।

नागवंशी ने मंत्री को वह दस्तावेज दिखाया, जिसमें पंचायत के सहायक सचिव दिनेश साहू का तबादला निरस्त करने का आदेश लिखा था। मंत्री ने तत्काल अपने निजी स्टाफ से जानकारी ली, जिन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई लेटर मंत्री के कार्यालय से जारी नहीं हुआ है। इसके बाद मंत्री ने तत्काल जिला प्रशासन और पुलिस को मामले की जांच का आदेश दिया।

जांच में सामने आया कि सिवनी निवासी इस्माइल खान नामक व्यक्ति ने सहायक सचिव दिनेश साहू के साथ मिलकर मंत्री के नाम से फर्जी लेटर तैयार किया था। इस्माइल ने साहू से ₹40,000 लेकर यह काम करने का वादा किया था। मामले में इस्माइल खान पिता यासीन खान (44), सहायक सचिव दिनेश साहू सहित साहिल को आरोपी बनाया गया है। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि साहिल अभी फरार है।

मंत्री ने जताया आश्चर्य, 40000 रुपए में बना फर्जी आदेश
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेता सतीश नागवंशी द्वारा प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के समक्ष मामला सामने लाने के बाद मंत्री ने निजी स्टाफ से इसके बारे में पूछा। स्टाफ ने स्पष्ट कहा कि ऐसा कोई लेटर मंत्री कार्यालय से जारी नहीं हुआ है। इसके बाद मंत्री राकेश सिंह ने तत्काल जिला प्रशासन और पुलिस को मामले की जांच का आदेश दिया। फर्जी दस्तावेज की एक प्रति पुलिस को सौंपी गई और जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ ने भी लिखित शिकायत दर्ज कराई।

जांच में सामने आया कि सहायक सचिव दिनेश साहू का ट्रांसफर जून महीने में हुआ था। साहू ने इसे रुकवाने के लिए सिवनी निवासी इस्माइल से संपर्क किया। दोनों की मुलाकात 20 जून को तामिया में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान हुई थी। इस्माइल ने अपने ऊपर तक संबंध होने का हवाला देते हुए कहा कि वह ट्रांसफर रुकवा सकता है, लेकिन इसके एवज में ₹40,000 लगेंगे।
कुछ दिनों बाद इस्माइल ने मंत्री के फर्जी लेटरहेड पर टाइप किया गया आदेश तैयार किया, जिसमें लिखा था कि “सहायक सचिव दिनेश साहू का स्थानांतरण तत्काल निरस्त किया जाए। यह पत्र डाक के माध्यम से कलेक्टर ऑफिस और जिला पंचायत कार्यालय भेजा गया। दस्तावेज देखकर प्रशासन ने ट्रांसफर रोक भी दिया, लेकिन जैसे ही मंत्री छिंदवाड़ा पहुंचेपूरा फर्जीवाड़ा उजागर हो गया।

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इस्माइल सहित सहायक सचिव गिरफ्तार, तीसरा फरार
जांच में ठोस सबूत मिलने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी इस्माइल पिता यासीन खान को बंडोल थाना क्षेत्र से नाकाबंदी कर गिरफ्तार किया। इसके साथ ही सहायक सचिव दिनेश साहू को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई और बाद में जेल भेज दिया गया। इसके अलावा पिपलानी (भोपाल) निवासी साहिल मेहरा इस मामले में फरार चल रहा है। जानकारी के अनुसार वह पूर्व तहसीलदार मीणा मेहरा का बेटा है। मीणा लखनदौन में पदस्थ रह चुकी हैं।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस्माइल की गिरफ्तारी के बाद कई फोन कॉल्स आने लगे। सूत्र बताते हैं कि कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने आरोपी को बचाने के लिए दबाव बनाया। पुलिस टीम को ट्रांसफर की धमकी तक दी गई। सूत्रों की मानें तो गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने खुद कहा कि वह पुलिसकर्मियों का तबादला करवा देगा और किसी को अगले कई साल तक थाना नहीं मिलेगा।”
गिरफ्तारी के दौरान इस्माइल के पास से ₹1 लाख नकद भी जब्त किए गए। जांच में पता चला कि वह यह रकम राजधानी में बैठे एक बड़े अधिकारी को दीपावली गिफ्ट के तौर पर देने जा रहा था। वह अपने संपर्कों का बखान करते हुए पूर्व कलेक्टर तक से संबंध होने का दावा करता रहा।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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