भोपाल: विमुक्त, घुमंतु और अर्द्ध घुमंतु समुदाय के अनेक विद्यार्थी लोक सेवा आयोग जैसी परीक्षाओं में सफल हुए हैं। इन जातियों के सभी लोगों को उनकी पुरानी पृष्ठभूमि अथवा पूर्वाग्रह के आधार पर अपराधी नहीं माना जाना चाहिए। पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई में भी उन्हें जाति से संबोधित नहीं किया जाना चाहिए। अपराधियों की जानकारी में जातियों का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। यह निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ विभाग की समीक्षा करते हुए दिए।
छात्रवृत्ति शैक्षणिक सत्र के दौरान ही दी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन इन जातियों के ऐसे लोगों को अपराधों से विमुख करने के प्रयास करें, जो विभिन्न कारणों से अपराधों में संलिप्त हो जाते हैं। विभिन्न छात्रवृत्तियों की राशि शैक्षणिक सत्र के दौरान ही दी जाए। इस दौरान विभाग की राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि आगामी सत्र में निर्धारित समय में छात्रवृत्ति वितरित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। दिल्ली छात्र गृह योजना में वर्तमान में स्वीकृत 50 सीटों को बढ़ाकर 150 सीटें करने का प्रस्ताव किया गया है। राजस्व विभाग के सहयोग से राज्य की वक्फ समितियों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। इस कार्य में मध्य प्रदेश एक मॉडल के रूप में काम कर रहा है।