भूलकर भी न करें ये 5 काम, वरना रुष्ट हो सकते हैं न्याय के देवता शनिदेव!

शनि देवता को हिंदू ज्योतिष में “न्याय का देवता” माना जाता है. वह न कर्म से डरते हैं, न पद से प्रभावित होते हैं. उनका न्याय अचूक है जिसने अच्छा किया, वह ऊंचा उठा; जिसने अन्याय किया, वह नीचे गिरा. ऐसे में Shani Jayanti, यानी उनके जन्मदिन पर की गई पूजा, आपके जीवन का रुख बदल सकती है लेकिन यदि आप भूल कर भी कुछ गलतियां न करें.

शनि जयंती पर भूलकर भी न करें ये गलतियाँ
1. तामसिक भोजन से करें परहेज़
मांस, मदिरा या किसी भी तरह के तामसिक भोजन को इस दिन ग्रहण करना अशुभ माना जाता है. शनि जयंती के दिन सात्विक और शुद्ध शाकाहारी भोजन ही करें.

2. तेल का दान
तेल चढ़ाना शुभ है, लेकिन गंदा या पुराना तेल चढ़ाना वर्जित है. शनिदेव को सरसों के तेल का दीपक जलाएं और तेल का दान शुद्ध मन और नीयत से करें.

3. अन्याय या अपमान बिल्कुल न करें
गरीबों, ज़रूरतमंदों या पशु-पक्षियों के साथ कठोर व्यवहार शनिदेव को अप्रसन्न कर सकता है. इस दिन अधिक से अधिक सेवा करें, सहायता करें और सभी के साथ सम्मान से पेश आएं.

कैसे करें शनिदेव को प्रसन्न
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

शनिदेव की प्रतिमा के सामने काली उड़द, काला तिल, सरसों का तेल, काले वस्त्र या काला छाता दान करें.

“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें.

शनि मंदिर में जाकर शांति और श्रद्धा से प्रार्थना करें.

इन उपायों से साढ़ेसाती, ढैय्या और अन्य कष्टों से राहत मिल सकती है.

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