MP : समीक्षा बैठक छोड़ दिल्ली रवाना हुए सीएम मोहन यादव

भोपाल। कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक छोड़ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दिल्ली रवाना हो गए हैं। बताया जा रहा है कि डॉ. यादव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पन्ना, बैतूल, कटनी और धार में पीपीपी मोड पर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन कार्यक्रम का न्योता देने गए हैं।
इससे पहले डॉ. यादव ने स्वास्थ्य, सहकारिता और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की है। वे लाड़ली लक्ष्मी योजना में ड्राप ऑउट से नाराज हुए। उन्होंने तीन साल में कुपोषण समाप्त करने का टारगेट महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया है। ये बैठकें मंत्रालय में चल रही थीं। जिनमें सरकार के 2 साल के कामकाज का लेखा-जोखा लिया जा रहा था।
सीएम ने बाल विकास विभाग से जताई नाराजगी
सीएम ने लाड़ली लक्ष्मी के ड्रॉपआउट मामले में महिला और बाल विकास विभाग से नाराजगी जताई है। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर समीक्षा करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे रोकने और ड्रॉपआउट पर सख्त निगरानी रखने का काम किया जाए।
मुख्यमंत्री यादव ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदी जाने वाली सामग्री की टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए और कहा कि अगर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी होगी तो वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन पर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में सीएम को बताया गया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू करने में देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश बना है।
बैठक में टेक होम राशन की FRS प्रक्रिया में मध्यप्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है। यह भी बताया गया कि स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ दिलाकर एमपी ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
झाबुआ के ‘मोटी आई’ नवाचार को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिला है। बैठक में पीएम जनमन भवनों की डिजाइन और मॉनिटरिंग मॉड्यूल की भारत सरकार द्वारा विशेष सराहना किए जाने की जानकारी दी गई। एमपी में भवन निर्माण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए अत्याधुनिक मॉड्यूल विकसित किया गया है, जिसमें 20 मीटर जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति व्यवस्था है।
एमपी चीता ब्रांड पर सीएम ने ली चुटकी
सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि जिला सहकारी बैंकों को मर्ज कर प्रदेश स्तर पर एक बड़ा सहकारी बैंक बनाने के लिए लीगल और फाइनेंशियल पहलुओं पर अधिकारी विचार करें।
इसे सहकारिता विभाग अपने तीन साल के लक्ष्य में शामिल है। सीएम ने छह जिला सहकारी बैंकों जबलपुर, रीवा, सतना, ग्वालियर दतिया, शिवपुरी का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। हर बैंक को 50 करोड़ रुपए की पूंजी राज्य शासन द्वारा दी जाएगी। वहीं, बीज उत्पादन के “एमपी चीता” ब्रांड पर मुख्यमंत्री ने ली चुटकी। कहा- यह सहकारिता में फारेस्ट कैसे घुस आया?





