हरियाणा में बीजेपी की जीत ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी सफलता के रास्ते खोले

बीजेपी-आरएसएस के बीच सहयोग और समर्थन पहले से ज्यादा मजबूत हुआ 

नई दिल्ली। हरियाणा में बीजेपी की जीत ने पार्टी के लिए न सिर्फ चुनावी सफलता का रास्ता खोल दिया, बल्कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच की खाई को भी कम करने का काम किया है। इस जीत के बाद महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में बीजेपी और आरएसएस के हौसले बुलंद हैं और दोनों संगठनों के बीच सहयोग और समर्थन पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है।

बीजेपी और आरएसएस के बीच सब कुछ ठीक 
पिछले हफ्ते मथुरा में हुई आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक में संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के बीच सब कुछ ठीक है। इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान से दोनों के बीच दरार की खबरें आई थीं, जिसमें नड्डा ने कहा था कि बीजेपी को अब आरएसएस की मदद की जरूरत नहीं है, क्योंकि पार्टी अब आत्मनिर्भर है। इस पर आरएसएस की तरफ से साफ किया गया था कि नड्डा के बयान का गलत अर्थ निकाला गया था। होसबले ने साफ किया कि बीजेपी और आरएसएस के बीच कोई मतभेद नहीं है, बल्कि दोनों संगठन मिलकर काम कर रहे हैं।

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों पर अब बीजेपी और आरएसएस की नजर 
हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों पर अब बीजेपी और आरएसएस की नजर है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इस जीत ने बीजेपी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया और संघ के नेटवर्क का समर्थन भी मिला। हालिया बैठकों में इस सहयोग को और बेहतर बनाने की चर्चा हुई, जिससे चुनावों में सकारात्मक नतीजे आने की उम्मीद है। आरएसएस सूत्र के मुताबिक दोनों संगठनों के बीच हमेशा वैचारिक समानता रही है, केवल कार्यात्मक कठिनाइयां थीं जिन्हें अब काफी हद तक सुलझा लिया गया है।

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