MP सरकार के दो साल : ग्रामीण विकास में बड़ी छलांग, आत्मनिर्भर पंचायतों की ओर बढ़ रहा है प्रदेश- प्रहलाद पटेल

भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज पत्रकार वार्ता के माध्यम से आज मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में मप्र ने बीते दो वर्षों में बड़ी छलांग लगाई है, हम आत्मनिर्भर पंचायतों की ओर बढ़ रहे हैं। 
उन्होंने बताया कि पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त करने के लिए 922.20 करोड़ की लागत से 2472 अटल ग्राम सेवा सदन, 106 अटल सुशासन भवन और 5 अटल जिला सुशासन भवन स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा 3755 सामुदायिक भवनों, नर्मदा परिक्रमा पथ पर आश्रय स्थलों, पर्यटन विकास और पौधरोपण कार्यों को भी गति दी गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना सहित विभिन्न योजनाओं में 1250 किलोमीटर से अधिक सडक़ों और 323 पुलों का निर्माण किया गया है। नई योजनाओं के तहत 20,600 से अधिक बसाहटों को सडक़ नेटवर्क से जोडऩे का कार्य जारी है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत वैज्ञानिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से कार्यों का पारदर्शी चयन किया गया। वर्ष 2024-25 और 2025-26 में लेबर बजट का 94 से 95 प्रतिशत तक सृजन हुआ। अनुसूचित जनजाति परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने में मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया है।
जल संरक्षण में नई पहचान: जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत 3000 करोड़ से अधिक के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 86 हजार से अधिक खेत तालाब, 1 लाख से अधिक कूप रिचार्ज और 536 अमृत सरोवर शामिल हैं। ‘कैच द रेन’ अभियान में मध्यप्रदेश को देश में चौथा स्थान मिला, जबकि खंडवा जिले को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
महिला सशक्तिकरण और आजीविका: राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 29 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है। 500 करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई और 11.27 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनी हैं। 135 एफपीओ का टर्नओवर बढक़र 1608 करोड़ तक पहुंच गया है।
आवास, स्वच्छता और पोषण में अग्रणी: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और पीएम जनमन योजना में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 99 प्रतिशत से अधिक ग्रामों को ओडीएफ प्लस घोषित किया जा चुका है। ‘वॉश ऑन व्हील्स’ जैसे नवाचारों से स्वच्छता को रोजगार से जोड़ा गया है। पीएम पोषण योजना में लाभार्थी रिपोर्टिंग 98 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
ग्रामीण सडक़ विकास: म.प्र. ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण के तहत मुख्यमंत्री मजरा टोला सडक़ योजना में 30,900 किमी सडक़ों का निर्माण प्रस्तावित है, जिसकी लागत 21,630 करोड़ है। वहीं पीएमजीएसवाई-4 और पीएम जनमन योजना के तहत हजारों किलोमीटर सडक़ों और सैकड़ों पुलों का निर्माण किया जाएगा।
डिजिटल और नवाचार आधारित शासन: पंचायत दर्पण पोर्टल, अटल ई-सेवा केंद्र, एआई आधारित डैशबोर्ड, जीआईएस और ड्रोन तकनीक से योजनाओं की रियल टाइम निगरानी की जा रही है।


श्रम विभाग द्वारा जोनल सेफ्टी काउंसिल का गठन


श्रम एवं पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने श्रम विभाग की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के कल्याण, सुरक्षा एवं सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के संकल्प के साथ निरंतर कार्य कर रहा है। इसके तहत प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित अति खतरनाक, खतरनाक एवं गैर खतरनाक कारखानों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने एवं श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु 8 औद्योगिक क्षेत्रों में जोनल सेफ्टी काउंसिल का गठन किया गया है। कारखानों में 14 खतरनाक प्रक्रियाओं में गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को छोडक़र बाकी सभी महिलाओं को कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि विगत दो वर्षों में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत लाखों श्रमिकों ने लाभ प्राप्त किया है और कई सामाजिक सुरक्षा भुगतान किए गए हैं। कुल 1,07,536 प्रकरणों में 2,333 करोड़ का भुगतान किया गया। श्री अवधारणा के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें सुरक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण और औद्योगिक संबंधों पर जोर दिया गया। औद्योगिक एरिया जैसे पीथमपुर, मंडीदीप और उज्जैन में कारखानों के सेफ्टी अधिकारियों एवं मानव संसाधन अधिकारियों के प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये गए। कारखानों में शक्ति के साथ विनिर्माण प्रक्रिया वाले कारखानों में 10 के स्थान पर 20 नियोजन सीमा व बिना शक्ति के साथ विनिर्माण वाले कारखानों में 20 के स्थान पर 40 नियोजन की सीमा बढ़ाये जाने का प्रावधान किया गया। मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 और कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने हेतु आवश्यक शर्तों के बारे में अधिसूचित किया गया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 (माह अक्टूबर तक) में भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मण्डल के 1,57,621 हितग्राहियों को राशि 692.81 करोड़ का हितलाभ वितरित किया गया। कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 13,684 बीमा लाभार्थियों को द्वितीयक उपचार सुविधा प्रदान की गई।श्रमिकों के कार्य स्थलों पर स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन के अंतर्गत 1864 शिविरों का आयोजन किया गया।
श्रम कल्याण केन्द्र एवं कौशल उन्नयन केन्द्र के माध्यम से श्रम कल्याण मंडल द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 में 17 सिलाई-कढ़ाई केन्द्रों में विगत 3 वर्षों में कौशल प्राप्त करने वालीं श्रमिक परिवार की 418 महिलाओं को म.प्र. राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।
आगामी 3 वर्षों की कार्ययोजना
नवीन श्रम संहिताओं के अनुरूप राज्य नियमों का निर्माण, नियम पर प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त करना, नियम का विधि विभाग से परिमार्जन कर क्रियान्वयन किया जाएगा। श्रम संहिताओं के अनुरूप श्रम विभागीय पोर्टल्स पर उपलब्ध सेवाओं का परिमार्जन किया जाना है। कारखानों में दुर्घटना दर को न्यूनतम स्तर तक लाने के प्रयास किए जाएंगे।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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