Bhopal मेट्रो का मैन्युवल टिकट सिस्टम फेल…हंगामा, काउंटर से 80 टिकट देने से मना किया

भोपाल। मेट्रो के कमर्शियल रन शुरू हुए 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन टिकट सिस्टम में कोई सुधार नहीं हुआ है। यात्रियों को मैन्युवल टिकट मिल रहे हैं। इसी सिस्टम की वजह से गुरुवार को एम्स मेट्रो स्टेशन पर हंगामे जैसी स्थिति भी बन गई।

दरअसल, काउंटर से एक साथ 80 टिकट देने से मना करने पर लोग नाराज हो गए। उनका कहना था कि क्या इतने टिकट देने में मेट्रो को 6 घंटे चाहिए? इसे लेकर उन्होंने मेट्रो कॉरपोरेशन के अफसरों से भी शिकायत की है।

दोपहर 1.30 बजे जैन समाज के करीब 80 लोग एम्स स्टेशन पर पहुंचे। ताकि, मेट्रो का सफर कर सके। जैसे ही वे टिकट काउंटर पर पहुंचे, उन्हें एक साथ 80 टिकट देने से मना कर दिया। काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों का कहना था कि 30 मिनट में वे 80 टिकट नहीं दे सकते।
साकेत नगर निवासी संजय जैन, आलोक शर्मा समेत कई लोगों ने आपत्ति ली। उन्होंने कहा कि टिकट काउंटर ही आधे घंटे पहले खुलता है। ऐसे में क्या हम शाम 4 बजे मेट्रो का सफर करने के लिए सुबह 10 बजे आए?

शिकायतकर्ता जैन ने बताया कि बड़ी उम्मीद से पूरा ग्रुप सफर करने के लिए मेट्रो स्टेशन पहुंचा था, लेकिन सिस्टम की खामी की वजह से उन्हें टिकट नहीं मिल पाई। जिससे सफर कैंसिल कर दिया। एकसाथ इतने लोग मेट्रो में सफर करके लोगों को पर्यावरण का संदेश भी देना चाहते थे। इसकी शिकायत की है।

यात्रियों में बच्चे और बुजुर्ग भी थे
जैन समाज के 80 लोगों के ग्रुप में कई बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे। सभी पहली बार मेट्रो में सफर करने पहुंचे थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने से वे सफर नहीं कर सके।

मेट्रो ने रखा अपना पक्ष, कहा-10 से 15 मिनट पहले पहुंचे यात्री
एम्स स्टेशन पर बनी हंगामे की स्थिति के बाद मेट्रो कॉरपोरेशन ने भी अपना पक्ष रखा है। मेट्रो की तरफ से कहा गया है कि टिकटिंग मैन्युअल रूप से की जा रही है और कोई ग्रुप टिकट जारी नहीं किया जा रहा है। जिसे लेकर मेट्रो प्रशासन ने अनुरोध किया है कि टिकट काउंटर पर किसी भी भीड़ या असुविधा से बचने के लिए यात्री अपनी यात्रा से 10-15 मिनट पहले स्टेशन पर पहुंचें।
यदि आप एक ही ग्रुप में 15-20 से ज्यादा यात्री एक ही ट्रेन में सफर करना चाहते हैं तो ट्रेन निकलने से कम से कम 20 मिनट पहले काउंटर पर पहुंचकर अपना टिकट सुनिश्चित कर लें। हालांकि, जैन समाज के ग्रुप का कहना है कि वह आधा घंटा पहले ही स्टेशन पहुंच गया था।

Exit mobile version