Bhopal अयोध्या बायपास- NGT के आदेश से पहले ही आधे पेड़ काटे, नगर निगम के जरिए NHAI ने कटवाए पेड़, अगली सुनवाई में तय होगा बाकी का भविष्य

भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के आदेश से पहले ही एनएचएआई ने नगर निगम के जरिए अयोध्या बायपास किनारे के आधे पेड़ कटवा दिए। पेड़ काटने में निगम ने भी इतनी तेजी से दिलचस्पी दिखाई कि दिन-रात कटाई में अमला झोंक दिया। अब पर्यावरण से जुड़े लोग पेड़ों को बचाने के लिए बड़ा आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि पेड़ों पर आरी चलाने वालों पर एफआईआर हो।
दूसरी ओर, बाकी बचे पेड़ों का भविष्य 8 जनवरी को होने वाली एनजीटी की सुनवाई पर है। बता दें कि एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) भोपाल के अयोध्या बायपास को आसाराम चौराहा से रत्नागिरि तिराहे तक 836.91 करोड़ रुपए से 10 लेन में बदल रहा है। यह 16 किलोमीटर लंबा है।यह सेंट्रल का प्रोजेक्ट है। पिछले साल दिसंबर में अयोध्या बायपास के चौड़ीकरण के टेंडर समेत अन्य प्रक्रिया पूरी होने के बाद एनएचएआई ने पेड़ काटने की सभी सरकारी अनुमति भी लेना थी, क्योंकि बायपास चौड़ीकरण का काम करने वाली एजेंसी और एनएचएआई के बीच जो एग्रीमेंट हुआ है, उसके अनुसार पेड़ कटाई जैसी सरकारी अनुमतियां दिलाना एनएचएआई की जिम्मेदारी ही है।

इस साल 11 अगस्त तक पेड़ कटाई की अनुमति मिलने और फिर काम शुरू होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच पेड़ कटाई का मामला एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) में चला गया था। फिर एक अन्य मामले में एनजीटी ने आदेश दे दिया कि शहरों में कहीं भी 25 से अधिक पेड़ काटने की अनुमति हाई लेवल कमेटी देगी।
.अनुमति मिली और आरी चलाना शुरू कर दिया
इसके बाद नगरीय विकास विभाग के एसीएस संजय शुक्ला की अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी का गठन हो गया। कमेटी की तीसरी मीटिंग में पेड़ काटने की मंजूरी दी गई। हरियाली को उजाड़ने के लिए हरी झंडी मिलते ही 21 दिसंबर से पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई।
22 दिसंबर को कटाई का दौर जारी रहा तो याचिकाकर्ता नितिन सक्सेना ने फिर से एनजीटी का दरवाजा खटखटाया, लेकिन 24 दिसंबर की दोपहर तक पेड़ काटने का दौर जारी रहा। इसी बीच एनजीटी ने पेड़ों की कटाई को 8 जनवरी तक रोकने के आदेश दिए, लेकिन तब तक एनएचएआई आधे से ज्यादा पेड़ कटवा चुका था।
अब बाकी पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरणविद् ने मुहिम छेड़ दी है। गुरुवार को उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नाराजगी भी जताई थी। पर्यावरणविद् सुभाष सी. पांडे, उमाशंकर तिवारी, याचिकाकर्ता नितिन सक्सेना, सुयश कुलश्रेष्ठ, राशिद नूर समेत अन्य लोगों ने कहा कि पेड़ों को काटकर एनएचएआई हरियाली उजाड़ रही है।
10 लेन सड़क के बदले एनएचएआई एलिवेटेड प्रोजेक्ट पर काम कर सकता था, या फिर 10 की बजाय सिक्सलेन बनाने पर जोर दें। जिन पेड़ों को एनएचएआई नगर निगम के जरिए काट रहा है, उनकी उम्र 40 से 80 साल तक है।
एनएचएआई का दावा-सभी रिपोर्ट पेश की
एनजीटी के 8 जनवरी तक के रोक वाले आदेश पर एनएचएआई का भी अपना तर्क है। एनएचएआई सूत्रों का कहना है कि पेड़ों को कटाने के मामले में कमेटी की रिपोर्ट पेश कर दी, लेकिन एनजीटी ने वह नहीं देखी। इस वजह से रोक लगी है। अगली सुनवाई में यह रिपोर्ट पेश करेंगे। दूसरी ओर, 7871 के बदले 81 हजार पौधे लगाने का दावा भी है।
NHAI ने पेड़ों के बदले यह प्लान बनाया था
10 लेन सड़क बनाने के बदले कुल 7871 पेड़ कटेंगे। उनके एवज में एनएचएआई कुल 81 हजार पौधे लगाएगा।
10 हजार पौधे अयोध्या बायपास के दोनों ओर लगेंगे। इनमें छाया, फलदार एवं शेड-बेयरिंग प्रजाति के पौधे शामिल हैं। इन पौधों की 15 साल एनएचएआई देखरेख करेगा। करीब 20 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इस संबंध में केंद्रीय अधिकार समिति को पूर्व में अवगत कराया जा चुका है।
नगर निगम के सहयोग से 10 हजार अतिरिक्त पौधों का रोपण किया जाएगा। नगर निगम ने NHAI को अलग-अलग पार्क, खाली भूमि और सड़क किनारे की उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराई है। जहां स्थानीय, छायादार एवं उपयोगी प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे।
झिरनिया एवं जागरियापुर क्षेत्र में जिला प्रशासन ने भूमि दी है, जो राजस्व वन की है। यहां 61 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। इस क्षेत्र को विकसित वन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। जून-2026 तक सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाएंगी। ताकि अगले मानसून के दौरान पौधारोपण कार्य समयबद्ध रूप से किया जा सके।





