भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव पद को लेकर चर्चाओं और अटकलों का दौर चल रहा है। वर्तमान मुख्य सचिव अनुराग जैन केंद्र की पसंद के आधार पर भोपाल भेजे गये थे, आज भी वो हाईकमान की पसंद में शामिल हैं। सूत्र बताते हैँ कि खुद जैन इस पद पर और रहने ले इच्छुक नहीं हैँ, ऐसे में दिल्ली के रुख का इंतजार किया जा रहा है।
वैसे तो जैन को सेवा विस्तार दिये जाने की उम्मीद की जा रही है, परंतु वल्लभ भवन के गलियारों से लेकर राजनीतिक चर्चाओं में विकल्प की बात भी कही जा रही है। इधर, अनुराग जैन की दिल्ली यात्रा से ज्यादा उनकी वापसी पर राज्यपल से लंबी मुलाकात को लेकर चर्चा हो रही है।
कहा जा रहा है कि दिल्ली अनुराग जैन को कुछ दिन और चाहती है, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। प्रस्ताव तो कभी भी जा सकता है, लेकिन यहां विकल्प पर भी बात चल रही है। इधर, सूत्र यह भी कह रहे हैं कि श्री जैन स्वयं भी इस पद पर रहने के ज्यादा इच्छुक नहीं हैं और यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र ने उनके सामने दूसरा विकल्प भी रखा है। उन्हें केंद्र सरकार में किसी पद पर बैठना है या फिर राजनीति की तरफ रुख करना है? वो दिल्ली फिर से जाना चाहते हैं या भोपाल में ही रहना चाहते हैं? उनके निकट सूत्र तो यह बताते हैं कि वह भोपाल में ही रहना चाह रहे हैं। अब इसके लिए उन्हें मुख्य सचिव पद पर सेवा विस्तार दिया जाता है, या कहीं और जिम्मेदारी दी जा सकती है, यह नहीं कहा जा सकता।
जिस तरह से दिल्ली से लौटने के बाद उनका सीधे राजभवन जाना और राज्यपाल से लंबी मुलाकात होना, एक नई शुरुआत की ओर संकेत करता लग रहा है। सामान्य तौर पर मुख्य सचिव और राज्यपाल के बीच इतनी लंबी चर्चा प्रशासन को लेकर भी नहीं होती, ऐसा कोई बड़ा मुद्दा भी नहीं है, जिस पर लंबी बात हो। मुद्दा प्रशासनिक था या राजनीतिक, या फिर पारिवारिक, कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है।
राज्यपाल के मुख्यमंत्री बनने के पहले से डा. मोहन यादव के उच्च शिक्षा मंत्री रहते, काफी घनिष्ठ संबंध थे, कहीं उनके एक्सटेंशन में भी राज्यपाल की भूमिका को नकारा नहीं सकता। और मुलाकात के बाद श्री जैन का मुस्कराता चेहरा भी अलग कहानी कहता है। देखना होगा कि अगले कुछ दिनों में अनुराग जैन के अनुभव का क्या उपयोग होता है?
