साक्षात्कार : विपक्ष जेल से भी सरकार चलाना चाहता है- अमित शाह

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में हाल ही में संसद में लाए गए तीनों बिलों और इस पर विपक्ष के विरोध पर बात की। शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर कहा, ये लोग (विपक्ष) आज भी ये कोशिश कर रहे हैं कि अगर कभी जेल गए तो जेल से ही आसानी से सरकार बना लेंगे। जेल को ही सीएम हाउस, पीएम हाउस बना देंगे। डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से ही आदेश लेंगे। शाह ने ये भी कहा, लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए अध्यादेश को फाडऩे का राहुल गांधी का क्या औचित्य था? अगर उस दिन नैतिकता थी तो क्या आज नहीं है, क्योंकि आप लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं?
क्या जेल से प्रधानमंत्री सरकार चलाए, वो क्या ठीक है?
शाह ने कहा, कभी देश का प्रधानमंत्री जेल जाए तो क्या जेल से प्रधानमंत्री सरकार चलाए, वो क्या ठीक है? कोई मुख्यमंत्री जेल से शासन चलाए, ये क्या ठीक है? जो व्यक्ति पद पर है, क्या उसके अलावा देश चलेगा ही नहीं? जिस भी दल का बहुमत है, उसका कोई अन्य व्यक्ति आकर शासन चलाएगा। आपकी बेल हो जाए तो आप फिर पद संभाल लीजिए। हमको एक लेवल तो रखना ही है। फिर तो दो साल बाद सदस्यता क्यों जानी है? ऊपर अपील का अधिकार है, वहां से निर्दोष छूट सकते हैं। ये कांग्रेस के समय प्रावधान हुआ है कि 2 साल से ज्यादा समय के लिए जेल का आदेश होता है तो सदस्यता अपने आप समाप्त हो जाती है।
संसद में ये बिल किए हैं पेश
प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री को गिरफ्तारी या 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पद छोडऩा होगा। शर्त यह है कि जिस अपराध के लिए हिरासत या गिरफ्तारी हुई है, उसमें 5 साल या ज्यादा की सजा का प्रावधान हो। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार 20 अगस्त को लोकसभा में इससे संबंधित तीन बिल पेश किए। इनके खिलाफ जमकर हंगामा हुआ था।
स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दिया
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर शाह ने कहा, धनखड़ एक संवैधानिक पद पर आसीन थे और अपने कार्यकाल में उन्होंने संविधान के अनुरूप अच्छा काम किया। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दिया है।
वे जनता में भ्रम पैदा करना चाहते
संसद के अंदर सीआईएसएफ की तैनाती पर गृह मंत्री बोले, मार्शल सदन में तभी प्रवेश करते हैं, जब अध्यक्ष उन्हें आदेश देते हैं। यह बदलाव उस बड़ी घटना के बाद आया है, जब कुछ वामपंथी लोगों ने संसद के अंदर स्प्रे किया था, उन्हें (विपक्ष को) बहाने चाहिए। वे जनता में भ्रम पैदा करना चाहते हैं। तीन चुनाव हारने के बाद हताशा के इस स्तर ने उनका विवेक खो दिया है।
रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज किया
शाह ने इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर कहा, उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही (विपक्ष द्वारा सुदर्शन रेड्डी को चुनने का) मानदंड रही होगी।
आरोप लगने पर इस्तीफा दिया
शाह ने कहा, मुझ पर आरोप लगने पर जैसे ही सीबीआई ने समन दिया, मैंने दूसरे ही दिन इस्तीफा दे दिया था। अरेस्ट तो मैं बाद में हुआ था। बाद में केस चला, फैसला भी आया, जिसमें कहा गया कि पॉलिटिकल वेंडेटा (राजनीतिक बदले के लिए) का केस था। मैं पूर्णतया निर्दोष हूं। मेरी जमानत पहले हो गई थी, फैसला बाद में आया। ये पॉलिटिकल वेंडेटा का केस था, मेरा इससे दूर-दूर तक जुड़ाव नहीं था। मुझे शंका के आधार पर बरी नहीं किया गया था, मेरे केस को खारिज किया गया था। मुझे इस मामले में 96वें दिन बेल मिल गई थी, लेकिन मैंने मंत्री पद की शपथ नहीं ली थी। जब तक मेरे ऊपर लगे सारे आरोप खारिज नहीं हो गए, तब तक मैंने किसी संवैधानिक पद की शपथ नहीं ली।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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