जुलाई में शुरु होगी अमरनाथ यात्रा

सनातन धर्म में अमरनाथ यात्रा का खास महत्व है। बेहद कठिन होने के साथ ही पुण्यकारी भी मानी जाती है। इस गुफा में शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है, जिसको बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है। ऐसे में हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा पर जाते हैं। हर साल अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में इस यात्रा की तारीफ का ऐलान किया जाता है। ऐसे में इस बार 03 जुलाई 2025 से अमरनाथ की पावन यात्रा की शुरूआत हो रही है। जोकि 09 अगस्त 2025 को संपन्न होगी। वहीं अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू हो चुकी है। इस बार अमरनाथ तीर्थयात्रा 37 दिनों तक चलने वाली है।
हिंदू शास्त्रों में इस बात की उल्लेख मिलता है कि इस गुफा में महादेव ने मां पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से अमरनाथ की यात्रा और बाबा बर्फानी के दर्शन करता है, तो उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद वह मोक्ष को प्राप्त करता है। अमरनाथ यात्रा करने और बाबा बर्फानी के दर्शन करने से व्यक्ति को 23 तीर्थों के दर्शन जितना पुण्यफल प्राप्त होता है। अमरनाथ में स्वयंभू शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के चरणों के आधार पर घटती व बढ़ती रहती है।
आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि से अमरनाथ यात्रा की शुरूआत होती है, जो पूरे सावन माह चलती है। यह यात्रा श्रावण माह की पूर्णिमा यानी की रक्षाबंधन के दिन संपन्न होती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान शंकर सबसे पहले श्रावण पूर्णिमा के दिन इस गुफा में आए थे। इसलिए श्रावण पूर्णिमा पर इस गुफा के दर्शन का विशेष महत्व माना गया है।
असल में छड़ी मुबारक अमरनाथ यात्रा की एक धार्मिक परंपरा है। जिसको काफी अहम माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव से संबंधित मानी गई छड़ी या पवित्र गदा को अमरनाथ गुफा ले जाया जाता है। जोकि अमरनाथ यात्रा के समापन का भी प्रतीक होता है।
हर साल अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में इस यात्रा की तारीफ का ऐलान किया जाता है। ऐसे में इस बार 03 जुलाई 2025 से अमरनाथ की पावन यात्रा की शुरूआत हो रही है। जोकि 09 अगस्त 2025 को संपन्न होगी।

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