संभल हिंसा के बाद 10 दिसंबर तक बढ़ाई गई पाबंदियां, राजनीतिक और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध
लखनऊ। जामा मस्जिद हरिहर मंदिर प्रकरण में रविवार को सर्वे के दौरान बवाल हो गया था, जिसमें पथराव व फायरिंग के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी, तो कई अधिकारी व पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। इस बवाल के बाद शहर में काफी संख्या में जगह जगह पुलिस बल को तैनात किया गया था। परन्तु अब शहर में शांति व्यवस्था भी कायम हो गई है।
ऐसे में अब समाजवादी पार्टी की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार को संभल आने की घोषणा की थी। जहां बवाल के बारे में जानकारी एकत्र कर अपनी पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के आवास के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है। माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज संभल का दौरा कर सकता है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया है।
संभल में 10 दिसम्बर तक बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध
संभल हिंसा को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा पाबंदियों को आगे बढ़ा दिया गया है। अब पाबंदियां 31 दिसंबर तक लागू होगी। इतना ही नहीं संभल शहर की शांति के लिए बाहरी और विभिन्न सामाजिक संगठन राजनीतिक व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध को भी 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए अब जिला प्रशासन से विशेष अनुमति की जरूरत होगी। यह सब शहर की शांति व्यवस्था के लिए किया गया है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू
जिला प्रशासन ने 25 दिसंबर 2024 को आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम के मद्देनज़र भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी है, जिससे किसी भी प्रकार की संभावित अशांति को रोका जा सके। ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के तहत लाउडस्पीकर और अन्य ध्वनि उपकरणों के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगाते हुए यह निर्देश दिए गए हैं कि बिना अनुमति किसी भी प्रकार की जनसभा या प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।
जिला प्रशासन का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान वाहनों के आवागमन पर विशेष मार्गों में परिवर्तन किया जाएगा, ताकि यातायात सुचारु रहे। प्रशासन ने आयोजकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अस्थायी अनुमति पत्र प्राप्त करें, अन्यथा कोई भी आयोजन नहीं किया जा सकेगा। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी प्रकार के भड़काऊ भाषण, पोस्टर या नारेबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, व्यापारिक गतिविधियों पर भी नियंत्रण रखा जाएगा ताकि आयोजन स्थल के आस-पास अनावश्यक भीड़ न हो।
मीडिया से अफवाहों से बचने की अपील
मीडिया से आग्रह किया गया है कि वे अफवाह फैलाने से बचें और भ्रामक सूचनाओं का प्रसार न करें। इस आदेश की वैधता एक दिसंबर 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक होगी, जबकि 10 दिसंबर 2024 तक किसी भी जनप्रतिनिधि या सामाजिक संगठन के पदाधिकारी को जिले में प्रवेश के लिए प्रशासनिक अनुमति अनिवार्य होगी। ये सख्त निर्देश जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जारी किए गए हैं।