प्रयागराज। धांधली रोकने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था लागू होने के बाद भी मनरेगा की जमीन पर मेहनत नहीं, झूठ की खेती हो रही है। करछना ब्लाक के पूरा धौसन गांव में तालाब खोदाई के नाम पर 110 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई, जबकि मस्टर रोल की तस्वीरों में कई बार वही नौ चेहरे दोहराए गए। अलग-अलग नाम, एक जैसी तस्वीरें यही है ‘काम से ज्यादा कमाई’ का फार्मूला।
ऑनलाइन मस्टर रोल क्रमांक 2093 से 2103 तक यानी 11 रजिस्टरों में यह घोटाला साफ दिखाई दे रहा है। यह तो बस एक झलक है प्रयागराज की 1540 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के भ्रष्टाचार की। मनरेगा में कागजों पर मजदूर और धरातल पर झूठ की बानगी यहीं नहीं रुकती। कौड़िहार के जगदीशपुर चांधन गांव में नाले की खोदाई में 40 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दिखाई गई।
1432 से लेकर 1435 तक चार मस्टर रोल में इनकी हाजिरी लगी थी। जबकि, चेहरे सिर्फ 10 श्रमिकों के थे। इनमें कुछ नाबालिग भी नजर आ रहे हैं। हर मस्टर रोल में महिला मजदूरों का भी नाम था, लेकिन तस्वीर में एक भी महिला नहीं दिखी। इंटरलाकिंग के एक अन्य कार्य में काम करते मजदूरों की जगह योग करते लोगों की फोटो लगाई गई है।
चेहरे 10 श्रमिकों के, हाजिरी लगी 63 की
कोरांव ब्लाक के दर्शनी गांव में अमृत सरोवर के काम में 63 मजदूर ऑनलाइन दिखाए गए, सात मस्टर रोल में अलग-अलग नाम चढ़ाए गए, लेकिन तस्वीरों में वही 10-12 चेहरे। मऊआइमा ब्लाक के जमुई गांव चल रहे संपर्क मार्ग के निर्माण में मस्टर रोल संख्या 1120 और 1121 में कुल 13 मजदूरों में नौ महिलाएं दिखाई गईं हैं। लेकिन फोटो में सिर्फ चार हैं। यानी, शेष महिलाओं का सिर्फ नाम चल रहा था।
मनरेगा में हाजिरी व्यवस्था
मनरेगा के एक मस्टर रोल में अधिकतम 10 श्रमिकों का नाम भरा जा सकता है। जिन मजदूरों का नाम इनमें होता है, सिर्फ उन्हीं की ग्रुप फोटो अपलोड होती है। हाजिरी भरने की जिम्मेदारी रोजगार सेवक या महिला मेट की होती है। अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व बीडीओ इसकी समीक्षा करते हैं।