इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर दिल्ली सरकार ने लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली । हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की सिफारिशों में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी का मामला सामने आने और इसको लेकर सियासी घमासान के बाद आखिरकार स्वास्थ्य विभाग ने अब अनुबंध पर डॉक्टरों की नियुक्ति की पहल की है। स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 212 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है। वॉक इन इंटरव्यू के आधार पर ये डॉक्टर दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में नियुक्त किए जाएंगे। इससे अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होगी। दिल्ली ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) नीति लागू होने में अभी समय लगेगा, इस पर अभी काम चल रहा है। ऐसे में दिल्ली सरकार मौजूदा ईवी नीति को मार्च तक बढ़ाने जा रही है। इस साल अगस्त तक दिल्ली में ईवी की बिक्री का 10.71 प्रतिशत  हिस्सा देखा गया। 2023 में कुल ईवी बिक्री 11.02 प्रतिशत  रही है। सरकार ने कहा है कि जिन लोगों ने नीति के रहने के दौरान छह महीनों में सब्सिडी के लिए आवेदन किया है, उन्हें राशि सब्सिडी और लाभ मिलेगा। बता दें कि यह नीति तीन साल बाद अगस्त 2023 में समाप्त हो गई। सरकार ने इसे दिसंबर 2023 तक छह महीने के लिए बढ़ा दिया था। उसके बाद नीति जून 2024 तक बढ़ाई गई, परन्तु इस दौरान वाहन खरीदने वालों और को सब्सिडी नहीं मिली और रोड टैक्स की छूट का भी लाभ नहीं मिला है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने विभाग को इस नीति के विस्तार के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने और मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष फाइल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही नए ई-वाहन की खरीद के बाद दिल्ली सरकार की सब्सिडी और रोड टैक्स में छूट जैसे अन्य लाभों के लिए लाभार्थियों का इंतजार जल्द ही खत्म होने की संभावना है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि ईवी नीति 2.0 पर काम शुरू कर दिया है और अंतिम मसौदा तैयार करने में लगभग 2-3 महीने लगेंगे। बता दें कि यह नीति आप सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। अगस्त 2020 में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने और 2024 तक राष्ट्रीय स्तर पर ईवी को 25% तक बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी।

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