MP Election: निवास सीट पर पहली बार कुलस्ते ने ही ‘खिलाया था कमल’, अब घिरे हैं आरोपों के भंवर में
भोपाल। भाजपा की ओर से विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों की दूसरी सूची सभी के लिए चौंकाने वाली रही है। क्योंकि इस सूची में सांसदों को तो प्रत्याशी बनाया गया है। साथ ही इसमें तीन केंद्रीय मंत्रियों के नाम भी शामिल है। जिसमें एक नाम केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को प्रत्याशी बनाया गया है। वे केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री और मंडला संसदीय क्षेत्र से सांसद है। उन्हें पार्टी ने निवास विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। लेकिन समीकरण कुलस्ते के पक्ष में नहीं बताए जा रहे हैं। कुलस्ते कई आरोपों से घिरे हुए हैं।
कुलस्ते के भाई राम प्यारे कुलस्ते हालांकि यहां से तीन बार जीत चुके थे, लेकिन पिछले चुनाव में जयस से कांग्रेस में आए अशोक मर्सकोले ने उन्हें बड़े अंतर से पराजित किया था। अशोक मर्सकोले कहते हैं कि हम जमीनी मुद्दे उठाते हैं। हमारी लड़ाई आदिवासियों के हक की होती है। केवल एक सवाल पूछता हूं, आप पैंतीस साल से यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं आपकी कोई उपलब्धि हो तो बताएं।
निवास विधानसभा से विधायक बनने वाले पहले भाजपाई
निवास विधानसभा सीट पर 1957 से 1985 तक सात विधानसभा चुनाव हुए। इनमें से सिर्फ 1972 में भारतीय जनसंघ और और 1977 में जनता पार्टी ने जीत दर्ज की। इसके अलावा सभी चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। 1990 में भाजपा ने पहली बार यहां से चुनाव लड़ा और फग्गन सिंह कुलस्ते को प्रत्याशी बनाया। भाजपा ने इस सीट पर 3 हजार 622 वोट से जीत दर्ज की। निवास विधानसभा सीट पर यह भाजपा की पहली जीत थी। हालांकि इसके बाद 1993 और 1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की।
क्यों अहम है निवास विधानसभा?
पिछले दो चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा 2003 के चुनाव के बाद से लगातार इस सीट पर चुनाव जितती आ रही थी। यहां फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई रामप्यारे कुलस्ते तीन बार विधायक रहे। लेकिन 2018 में उन्हे कांग्रेस प्रत्याशी अशोक मर्सकोले ने 28 हजार से अधिक वोटों से हराया था। ऐसे में पार्टी ने इस सीट पर दोबारा जीत हासिल करने के लिए फग्गन सिंह कुलस्ते को चुनावी मैदान में उतारा है।