कन्हैया के स्टार्टअप को मिला 1 मिलियन डॉलर का फंड…23 साल की उम्र में इतना फंड पाने वाले पहले युवा उद्यमी बने, अब दुबई भेजेगी मप्र सरकार

भोपाल। एमपी के एक युवा ने महज 23 साल की उम्र में अपने दम पर बिजनेस की देश भर में एमपी का नाम रोशन किया है। 23 साल के कन्हैया शर्मा के स्टार्टअप को 1 मिलियन डॉलर की मदद मिली है। इतनी कम उम्र में इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट हासिल करने वाले कन्हैया एमपी के पहले युवा उद्यमी हैं। कन्हैया ने लोगों को घर बैठे लीगल सर्विस देने वाला स्टार्टअप तैयार किया है। जिसमें लोगों को कंपनी बनाने से लेकर फूड लायसेंस लेने, इन्कम टैक्स रिटर्न भरने जैसी 251 सर्विस घर बैठे ली जा सकती हैं।
कन्हैया को अब मप्र सरकार दुबई मे होने वाले दुनिया के सबसे बडे टेक स्टार्टअप शो जिसमें मध्य प्रदेश से 9 कंपनियां भाग लेने जा रहीं हैं। इन सभी कंपनियों मे कन्हैया सबसे कम उम्र (23 बर्ष) के कंपनी मालिक हैं । इनका चयन एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा हुआ है।
कन्हैया की कंपनी क्या करती है
कन्हैया की कंपनी लीगल और कंपनी सेक्रेटरी, चार्टर्ड अकाउंटेंट की सर्विस मुहैया कराती है। जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति मोबाइल ऐप और प्लेटफार्म की मदद से टॉप एक्सपर्ट के द्वारा सभी प्रकार के लीगल कार्य करवा सकते हैं। जैसे सभी बिजनेस कंप्लायंस, एस लीगल पेपर वर्क, रजिस्ट्रेशन लाइसेंस आदि सभी लेने में प्लेटफार्म कस्टमर्स की और व्यापारियों की सहायता करता है। आज पूरे भारत में इसके कस्टमर्स मौजूद है। जीएसटी कंपनी के रजिस्ट्रेशन से लेकर इनकम टैक्स फाइलिंग तक एक ही प्लेटफार्म पर ढाई सौ से भी अधिक लीगल सेवाएं मौजूद हैं। इन सेवाओं को मोबाइल ऐप के थ्रू बहुत ही सिंपल तरीके से लिया जा सकता है।
12 वीं मे ही पढ चुके थे बीटैक का सिलेवस
कन्हैया बताते हैं कि वे अपने परिवार के पहले इंजीनियर हैं। पढने की ललक और इच्छाशक्ति के दम पर इंटरमीडियट की पढाई पूरी करने से पहले ही इंजीनियरिंग का सिलेवस पढ लिया था। फिर इंजीनियरिंग की पढाई के दौरान उन्होंने एथिकल हैकिंग, साइबर सिक्योरिटी से जुडे विषयों की पढाई सेल्फ स्टडी के द्वारा पूरी करी थी ।
कंप्यूटर साइंस से बीटैक और फिर इंजीनियरिंग के दौरान एथिकल हैकिंग, साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों की समझ ने लीगल टेक कंपनी खोलने मे बहुत मदद की है ।
25 हजार का हुआ फ्रॉड आज चला रहे लीगल टेक फर्म
जल्दी जॉब पाने के चक्कर मे पिता से छुपाकर भरे थे 25 हजार रुपये। लेकिन फ्राॅड होने के कारण सारे रुपये डूब गये थे । उसी घटना ने बदल दिया जीवन, फिर शुरु हुआ लीगल टेक कंपनी खोलने का सिलसिला। आर्थिक बदहाली के दिनों के बावजूद पिता ने बनाए रखा विश्वाश और देते रहे आगे बढने का प्रोत्साहन ।
लग्जरी लाईफ पर क्या बोले
कन्हैया के मुताबिक हमने इस कंपनी की शुरुआत 251 रुपयों से की थी। बूटस्ट्रैपिंग, एंजेल इन्वेस्टिंग की मदद से आज इस स्टार्टअप ने मिलियन डॉलर का फंड मिला है। पैसों की तंगी के चलते मैंने अपनी बीटेक की पढाई किसी आईआईटी या आईआईएम से न करके इंदौर के श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय से की है। जरुरी नहीं कि एक अच्छा बिजनेस शुरु करने के लिए इन संस्थानों मे जाया जाए। फिर जोर देते हुए कहा कि इतने पैसे कमाने के बावजूद आज भी कन्हैया अपने साधारण से पुराने मकान मे रहते हैं । वो अपना पैसा लग्जरी लाइफ जीने मे खर्च करने के बजाय अपने बिजनेस को आगे बढाने मे करना चाहते हैं ।