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Gwalior: गुर्जर समाज का आरोप बिना जांच-पडताल किए प्रशासन ने गुर्जर समाज को किया टारगेट

कुछ असमाजिक तत्वों ने गुर्जर महाकुंभ को बनाया निशाना,सोची-समझी साजिश के तहत ज्ञापन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए कुछ शरारती तत्व: लोकेंद्र गुर्जर

भोपाल। मध्यप्रदेश मे चुनावी माहौल है,पार्टियों के साथ साथ सभी समाज अपनी अपनी दम-खम दिखाने में लगे हैं, इसी क्रम में दिनांक 25 सितंबर को फूलबाग मैदान ग्वालियर में गुर्जर समाज भी अपनी एकता का परिचय देते हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपना शक्ति प्रदर्शन करने एकजुट हुआ था। और गुर्जर विधायक अतुल प्रधान ने मंच से प्रशासन को आगाह किया था कि वह कार्यक्रम स्थल पर ज्ञापन लेने पहुंचे,लेकिन ग्वालियर प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई और उन्होंने ज्ञापन लेना उचित नहीं समझा और ना ही उनका कोई नुमाइंदा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा, जिसके परिणाम स्वरुप वहां एकत्रित आयोजन कर्ता हजारों की संख्या में फूल बाग मैदान से कलेक्ट्रेट की और कूच करते हुए जब बढ़ने लगे इस बीच में कुछ शरारती तत्व भीड़ में मुंह बाँध करके शामिल हुए और उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुँचते-पहुंचते हुँडदंग मचा कर जो गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कानून को अपने हाथो मे लेकर शहर की कानून व्यवस्था को बिगाडने का कार्य किया जिस कारण संपूर्ण गुर्जर समाज की छवि धूमिल हुई जिसकी संपूर्ण गुर्जर समाज घोर निंदा करता है और प्रशासन से यह मांग करता है, कि पुलिस प्रशासन ने बगैर चिन्हित किए हुए गुर्जर समाज के युवाओं को टारगेट किया है,उन्हे तत्काल छोडा जावे। इतना ही नहीं जो पुलिस, देशभक्ति- जनसेवा का नारा देती है, उन्होंने भी शांति व्यवस्था बनाने की बजाय जो सलूक गुर्जर समाज के लोगों के वाहनों के साथ किया वो भी निंदनीय है, कई वीडियो जो कि मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुए हैं उनमें माननीय कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक महोदय देख सकते है कि किस तरीके से गुर्जर समाज के लोगों की गाड़ियों को पुलिस के द्वारा तोड़ा जा रहा है।

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