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EX SDM निशा बांगरे का ऐलान, चुनाव जरूर लड़ेंगी, अनुमति नहीं मिली तो आमरण अनशन करेंगी

भोपाल। विधानसभा चुनाव लेकर पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बड़ा बयान दिया है। बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने के लिए संतान पालन अवकाश लेकर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हुई डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के सारे दांवपेच खाली चले गए। अब उन्होंने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव में नामांकन भरेंगी और चुनाव लड़ेंगी। यदि उनको रोका जाता है तो वह आमरण अनशन करके प्राण त्याग देंगी।

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अब स्पष्ट रूप से कहा है कि मुझे चुनाव लड़ना है। उल्लेखनीय है कि, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया गया है। हर तरफ से निराश होने के बाद श्रीमती निशा बांगरे ने बैतूल में पत्रकार को बुलाकर बयान दिया है कि, सरकार मुझे चुनाव लड़ने से रोक रही है। जानबूझकर मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा है। भाजपा ने जिस तरह जज, शिक्षक और डॉक्टर को एक दिन में इस्तीफा दिलाकर प्रत्याशी घोषित कर दिया लेकिन मुझे मेरे संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। निशा से इस संबंध में गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को लेटर भी लिखा है। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि जिस जज, शिक्षक और डॉक्टर का जिक्र श्रीमती निशा बांगरे ने किया है, उनके खिलाफ कोई विभागीय जांच नहीं चल रही थी और फिर उन्हें सत्तापक्ष की नजदीकी का लाभ भी मिला। यदि विपक्षी पार्टी से चुनाव लड़ना है तो सत्ता पक्ष वाले ट्रीटमेंट की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने गुरुवार को एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में मैं नामांकन भरूंगी भी,और चुनाव लडूंगी भी। इसके बाद भी यदि द्वेष पूर्ण भावना के द्वारा मेरा नामांकन खारिज किया जाता है या मेरा इस्तीफा अस्वीकार करके चुनाव लड़ने से रोका जाता है तो अपने अधिकारों से वंचित रहकर जीवित रहने से बेहतर मैं आमरण अनशन कर अपने प्राण त्यागना पसंद करूंगी। बांगरे ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। यदि दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई के द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाता है या उन्हें परेशान करने की नीयत से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है तो वह आमरण अनशन करके अपने प्राण त्याग देंगी, लेकिन अपने अधिकारों से समझौता करके जीना पसंद नहीं करेंगे।

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