PM मोदी के बचपन पर बनी लघु फ़िल्म स्कूलों में दिखाने के निर्देश

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) को निर्देश दिया है कि वह अपने-अपने स्कूलों में फिल्म ‘चलो जीते हैं’ की स्क्रीनिंग कराएं. यह फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की एक घटना से प्रेरित है. मंत्रालय के मुताबिक 16 सितंबर से 2 अक्टूबर तक छात्रों को यह फिल्म दिखाना जरूरी है, ताकि उनमें चरित्र, सेवा और जिम्मेदारी जैसी भावनाओं को बढ़ावा दिया जा सके।
शिक्षा मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि यह फिल्म बच्चों को नैतिक मूल्यों पर सोचने का मौका देगी. इससे उनमें आत्मचिंतन, करुणा, सहानुभूति और आलोचनात्मक सोच जैसे गुण विकसित होंगे. फिल्म को एक तरह से केस स्टडी की तरह इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि छात्र जीवन के असली मायनों और मानवीय मूल्यों को बेहतर ढंग से समझ सकें.
फिल्म की कहानी और संदेश
‘चलो जीते हैं’ फिल्म 2018 में रिलीज हुई थी और अब फिर से 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देशभर के सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है. इसमें नारु नाम का एक बच्चा मुख्य किरदार में है, जो स्वामी विवेकानंद के विचारों से गहराई से प्रभावित होता है.