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Corruption: सीजीएसटी आफिस रिश्वत की दुकान, पान मसाले से बड़े अफसरों की कमाई करोड़ों रुपये महीना.. कमिश्नर ने किया खुलासा…

नई दिल्ली। भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन और सात सदस्यों को लिखित में सीजीएसटी में व्याप्त भ्रष्टाचार के गंभीर खुलासे किए हैं। विभाग के अति वरिष्ठ अधिकारी पर सीधा आरोप लगाया है कि पान मसाला इंडस्ट्री से हर महीने करोड़ों की वसूली अकेले इसी अफसर ने की है। सेंट्रल जीएसटी के आयुक्त आफिस रिश्वत की दुकान में तब्दील हो गए हैं। उन्होंने तथ्यों को सामने रखकर पूरे मामले की जांच की मांग की है। उनके इस ताजा खुलासे से सीबीआईसी में तक खलबली मच गई है।

पत्र के मुताबिक हिन्दी में पत्राचार करने की वजह से यूपी से आंध्र प्रदेश भेजे गए सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर ने विभाग में शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों की कलई खोल दी है। हिन्दी में काम करने की सजा भुगत रहे सोमेश तिवारी ने एक अति वरिष्ठ अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका सर्विस रिकार्ड खराब करनेे की साजिश रचने वाले खुद का रिकार्ड देख लें।

बोर्ड को भेजे पत्र में साफ कहा है कि सीजीएसटी कानपुर में तैनात बड़े अफसरों ने मां विंध्यवासिनी टौबैको (मधु ब्रांड) के एक मामले में कस्टम एक्साइज एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले को अपने पास 200 दिन तक लटकाए रखा। जबकि फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील 60 दिन में दायर की जा सकती है। अपील न होने के कारण विभाग को सात करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। इसके बावजूद लखनऊ में बैठे अधिकारी ने दोनों को सर्विस रिकार्ड में दस में दस नंबर दिए।

उन्होंने बोर्ड से मांग की है कि सूबे के वरिष्ठ सेंट्रल जीएसटी अधिकारी और कानपुर-लखनऊ के पान मसाले वालों का परीक्षण कराया जाए तो अहम ओहदों पर बैठे अधिकारियों की पोल खुल जाएगी। उन्होंने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि सीजीएसटी कमिश्नर होने के नाते उनका दावा है कि प्रदेश के वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी को हर महीने करोड़ों रुपये की रिश्वत अकेले पान मसाला कारोबारियों से मिलती है। यहां तक कि आयुक्त व मुख्य आयुक्त कार्यालय एक दुकान में तब्दील हो गए हैं। सेंट्रल जीएसटी कार्यालय को रिश्वत की दुकान बना देना बेहद गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

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