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Congress: टिकट बंटवारे को लेकर भोपाल में मंथन शुरू, सूची 15 तक…सुरजेवाला ने दिखाए सख्त तेवर

भोपाल। मप्र विधानसभा चुनाव के लिए 230 सीटों पर टिकट बांटने को लेकर कांग्रेस की 4 दिन तक चलने वाली मैराथन बैठकों का दौर शनिवार को भाेपाल में शुरू हो गया। पीसीसी में सुबह 10 बजे शुरू हुई बैठक में मप्र के इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह और सदस्य अजय सिंह लल्लू और सांसद सत्यगिरी उल्का मौजूद रहे।

स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग 11 और 12 सितंबर को दिल्ली में होगी, जिसमें नाम शार्ट लिस्ट करने के बाद सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) टिकट फाइनल करेगी और 15 सितंबर तक पहली सूची जारी हो सकती है। सुरजेवाला ने जिला अध्यक्ष और प्रभारियों की बैठक में कहा कि दो या तीन बार हारने वालों को टिकट मिलेगा या नहीं यह क्षेत्र की परिस्थिति पर निर्भर करेगा।

उन्होंने संकेतों में साफ कर दिया कि पार्टी चुनावों में नए चेहरों पर दांव लगाएगी। ऐसे नामाें की िसफारिश न करें, जो दो बार चुनाव हार चुके हैं। 11 घ‍ंटे तक चली बैठकों की शुरुआत ग्वालियर-चंबल संभाग से हुई। फिर सागर, रीवा, उज्जैन व इंदौर संभाग के जिलों के प्रभारियों और जिलाध्यक्षों से वन-टू-वन चर्चा हुई।

भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम और शहडोल संभाग के जिलाध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक रविवार को होगी। बैठक में नाराजगी इस बात पर जाहिर की गई की जब पीसीसी चीफ कमलनाथ संबोधित कर रहे थे उस दौरान दो जिलाध्यक्ष बात कर रहे थे। इस पर प्रभारी महासचिव सुरजेवाला ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जो जिलाध्यक्ष इतनी महत्वपूर्ण बैठक में बात कर रहे हैं, मैं उन्हें खड़ा भी कर सकता हूं लेकिन यह ठीक नहीं है। आगे चुनाव है।

कांग्रेस में नए शामिल हुए नेताओं के टिकट देने पर आज होगी चर्चा

शनिवार को जिन आठ जिलों के नेताओं ने कांग्रेस ज्वाइन की है और पिछले दिनों जो कद्दावर नेता भाजपा और अन्य दलों से कांग्रेस में शामिल हुए उन्हें टिकट दिए जाने पर चर्चा रविवार को सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह प्रदेश इलेक्शन कमेटी के सदस्यों से चर्चा कर करेंगे। प्रदेश इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ हैं। इस समिति में प्रदेश के अन्य वरिष्ठ नेताओं में सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शामिल हैं।

रिपोर्ट देखकर भड़के सुरजेवाला

सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह एआईसीसी के सर्वे की रिपोर्ट सामने रखकर बैठे थे, जिससे जिला अध्यक्षों और प्रभारियों के पैनल से टैली कर रहे थे। ये सर्वे सुनील कानुगोलू की ओर से कराया गया, जिसकी रिपोर्ट एक दिन पहले ही सुरजेवाला को सौंपी गई। सुरजेवाला ने जिलाध्यक्षों से पैनल में प्रत्याशियों के नाम नीचे करने पर पूछा तो जिलाध्यक्ष जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार के साथ जातीय समीकरण हैं तो नाम तीसरे की जगह पहले नंबर पर क्यों नहीं लिया? कमलनाथ कह चुके हैं कि इनमें मेरा कोई केंडिडेट नहीं है, जो उम्मीदवार है कांग्रेस के हैं।

जिलों में निष्क्रियता क्यों…

मुझे देखने में यह भी आया है कि पिछले दो महीने से जिलों में नििष्क्रयता देखी जा रही है, मंडलम सेक्टरों की बैठक नहीं हो रहा ही। अब कमलनाथ जी प्रदेश देखेंगे। संगठन का काम मैं देखूंगा। आप दिल्ली आइए मुझसे मिलिए, मैं सीधी बात करूंगा।

कर्नाटक फाॅर्मूले पर काम

जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा, उन्हें सरकार बनने पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी। जिस उम्मीदवार काे टिकट मिलेगा उसे सभी जिताने में लग जाएं।

जिन जिलाध्यक्ष और प्रभारियों की परफार्मेंस ठीक रहेगा, उन्हें निगम-मंडलों में एडजस्ट किया जाएगा।

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