नए नियमों के साथ सेबी ने कर्मचारियों पर कसा शिकंजा, गलती करने वालों से होगी वसूली
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नई दिल्ली: शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ ही गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आ रहे हैं। निवेशकों का भरोसा बनाए रखने और बाजार में पारदर्शिता लाने के लिए सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने अपने नियमों में सख्ती ला दी है। सेबी ने अपने कर्मचारियों के लिए नए नियम बनाए हैं, जिनके तहत भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों से वेतन और अन्य रकम की वसूली की जा सकेगी।
नए नियमों की मुख्य बातें:
- कर्मचारियों से वसूली: सेबी कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी और अन्य रकम से भ्रष्टाचार से हुए नुकसान की भरपाई वसूल सकेगा।
- रिटायर्ड कर्मचारियों पर भी कार्रवाई: यह नियम उन कर्मचारियों पर भी लागू होगा जो सेबी से इस्तीफा दे चुके हैं, रिटायर हो चुके हैं या किसी अन्य कारण से सेवा में नहीं हैं।
- ग्रेच्युटी में कटौती: अगर किसी कर्मचारी पर इस नियम के तहत कार्रवाई की जाती है तो उसे मिलने वाली ग्रेच्युटी को भी रोका जा सकता है या उसमें कटौती की जा सकती है।
- इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के लिए नियम: इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स को साल में दो बार सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी के बारे में जानकारी देनी होगी।
कब होंगे इन नियमों का इस्तेमाल?
सेबी इन नियमों का इस्तेमाल तब करेगा जब कोई कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करेगा या अनुचित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भ्रष्ट तरीकों से काम करेगा। नए नियमों का उद्देश्य सेबी के कर्मचारियों के बीच ईमानदारी और जवाबदेही को बढ़ावा देना है।
इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के लिए भी नए नियम:
सेबी ने इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के लिए भी नए नियम बनाए हैं। इन नियमों के तहत इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स को साल में दो बार सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी के बारे में जानकारी देनी होगी। यह जानकारी उन्हें सेबी द्वारा नियुक्त एक सुपरवाइजरी बॉडी को देनी होगी। नए नियमों से सेबी को इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स पर बेहतर निगरानी रखने में मदद मिलेगी और वे नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकेंगे।