Vedanta : मुंबई NCLT से वेदांता डीमर्जर को हरी झंडी! लंबे इंतज़ार के बाद बड़ा फैसला

वेदांता डीमर्जर पर चल रही लंबी कानूनी खींचतान आखिरकार खत्म हो गई है. मुंबई NCLT ने वेदांता लिमिटेड की डीमर्जर स्कीम को मंजूरी दे दी है. यह फैसला शेयर बाजार और निवेशकों के लिए बड़ा ट्रिगर माना जा रहा है, क्योंकि अब कंपनी के अलग-अलग बिज़नेस स्वतंत्र लिस्टेड इकाइयों के रूप में आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है. शेयरहोल्डर्स, क्रेडिटर्स और SEBI की मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी, अब NCLT की हरी झंडी के साथ प्रक्रिया निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. खबर के बाद शेयर में तेजी आई है. शेयर की शुरुआत 549 रुपये के बंद भाव के मुकाबले 548 रुपये पर हुई. इसके बाद शेयर 2 बजकर 50 मिनट 568 रुपये पर पहुंच गया. शेयर अपने अब तक सबसे उच्चतम स्तर यानी ऑल टाइम हाई पर है.
क्या है NCLT का फैसला
मुंबई NCLT ने Companies Act की Section 230–232 के तहत वेदांता की डीमर्जर स्कीम को अप्रूव कर दिया है. कोर्ट की मंजूरी के साथ ही वह आखिरी बड़ा रेगुलेटरी हर्डल भी पार हो गया, जिसकी वजह से डीमर्जर की टाइमलाइन बार-बार आगे खिसक रही थी.
Vedanta Limited की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि -आज माननीय नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा कंपनी की डिमर्जर स्कीम को मंजूरी दिए जाने का स्वागत करती है. यह मंजूरी Vedanta के ट्रांसफॉर्मेशन सफर में एक अहम पड़ाव है. इसके जरिए कंपनी अलग-अलग सेक्टर्स में फोकस्ड, लीडिंग कंपनियों के रूप में आगे बढ़ेगी, जिनका स्पष्ट रणनीतिक रोडमैप और अलग-अलग कैपिटल स्ट्रक्चर होगा.
इस अप्रूवल के बाद Vedanta अब डिमर्जर स्कीम को लागू करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं और अगले कदम उठाएगी. हमारा मानना है कि यह फैसला न सिर्फ कंपनी के बिजनेस को ज्यादा फोकस्ड बनाएगा, बल्कि शेयरहोल्डर्स के लिए भी लॉन्ग-टर्म वैल्यू क्रिएशन में मदद करेगा.
इससे पहले-शेयरहोल्डर्स ने 99.99% वोट से स्कीम का समर्थन किया था.Secured और Unsecured क्रेडिटर्स ने भी लगभग 100% सहमति दी थी. SEBI ने मेरिट्स पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी. अब NCLT की मंजूरी मिलने के बाद डीमर्जर के अमल (implementation) की प्रक्रिया शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है.
डीमर्जर प्लान में क्या होगा
वेदांता ने अपने अलग-अलग बिज़नेस को फोकस्ड और वैल्यू-ड्रिवन बनाने के लिए डीमर्जर की योजना बनाई थी. इसके तहत एल्युमिनियम, ऑयल एंड गैस, पावर,स्टील एंड फेरस, बेस मेटल्स को अलग-अलग लिस्टेड इकाइयों के रूप में स्ट्रक्चर किया जाएगा. ब्रॉड स्ट्रक्चर के मुताबिक, 1 वेदांता शेयर के बदले निवेशकों को अलग-अलग कंपनियों के शेयर मिलेंगे (एक्ज़ैक्ट स्वैप रेशियो और रिकॉर्ड डेट की डिटेल कंपनी आगे बताएगी).
पहले क्यों अटका था मामला
डीमर्जर की राह आसान नहीं थी. पावर सब्सिडियरी Talwandi Sabo Power Ltd (TSPL) को लेकर डेब्ट डिस्क्लोजर पर सवाल उठे थे. पेट्रोलियम मंत्रालय (MoPNG) ने ऑयल एंड गैस एसेट्स को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई थीं.NCLT और NCLAT में कई राउंड की सुनवाई हुई, बेंच री-कंस्टीट्यूट हुई और आखिरकार मामला “ऑर्डर रिज़र्व” तक पहुंचा.अब मुंबई NCLT की मंजूरी के साथ इन सभी अनिश्चितताओं पर विराम लग गया है.
मुंबई NCLT की मंजूरी के साथ वेदांता डीमर्जर की कहानी ने बड़ा टर्न ले लिया है. सालों से जिस फैसले का इंतज़ार था, वह अब हकीकत बन चुका है. अगला फोकस डीमर्जर के अमल और नई कंपनियों की लिस्टिंग पर रहेगा-यही तय करेगा कि शेयरहोल्डर्स के लिए यह फैसला कितना बड़ा फायदा लेकर आता है.





