मुंबई। अमेरिकी टैरिफ की चिंताओं के बीच घरेलू शेयर बाजार शेयर बाजार धड़ाम हो गया। ईद की छुट्टी की वजह से हफ्ते के पहले काराबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स गिरावट के साथ खुला। इस दौरान निफ्टी भी लुढक़ गया। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 639.13 अंक गिरकर 76,100.79 अंक पर कारोबार करता दिखा। ऐसे ही निफ्टी भी 350 अंक गिरकर 23,200 अंक पर आ गया।
आईटी शेयरों में गिरावट के साथ बाजार खुले
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के बीच आईटी शेयरों में गिरावट देखी गई। इस वजह से मंगलवार को शुरुआती कारोबार में इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट आई। 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 639.13 अंक गिरकर 76,775.79 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 180.25 अंक गिरकर 23,339.10 अंक पर पहुंच गया।
सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, एचसीएल टेक और मारुति सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। बढ़त पाने वालों में इंडसइंड बैंक ने करीब 5 फीसदी की छलांग लगाई। पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अडानी पोर्ट्स, नेस्ले और एनटीपीसी भी सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे।
एशियाई और अमेरिकी बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे। सोमवार को अमेरिकी बाजार में तेजी रही। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ को लेकर बड़े एलान कर सकते हैं।
गिरावट के कारण
ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ – अमेरिका कल से भारतीय प्रोडक्ट्स पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा सकता है। पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि भारत हमसे 100 प्रतिशत से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, हम भी अगले महीने से ऐसा ही करने जा रहे हैं।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली- फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। यह बिकवाली बाजार में दबाव बढ़ाने का एक प्रमुख कारण हो सकती है, खासकर अगर निवेशक अन्य बाजारों की ओर रुख कर रहे हों।
आर्थिक अनिश्चितता – वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका और अमेरिकी जीडीपी के 2025 की पहली तिमाही में 2.8 प्रतिशत तक गिरने के अनुमान से निवेशकों का भरोसा कम हुआ है। इससे स्टॉक मार्केट में अस्थिरता बढ़ रही है।