अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले अंबानी परिवार के पास 28 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। यह अदाणी परिवार की 14.01 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति से दोगुनी से भी अधिक है। हुरुन की ओर से बार्कलेज के सहयोग से तैयार की गई एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के 300 सबसे मूल्यवान भारतीय परिवारों के पास 1.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (140 लाख करोड़ रुपये) से अधिक की संपत्ति है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 40 प्रतिशत से भी अधिक है। अकेले अंबानी परिवार की संपत्ति देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12 प्रतिशत है।
बीते एक साल में अंबानी परिवार की संपत्ति 10 फीसदी बढ़ी
हुरुन-बार्कलेज की रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी परिवार की संपत्ति में पिछले वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे यह देश में सबसे मूल्यवान पारिवारिक व्यवसाय के रूप में अपनी रैंकिंग बरकरार रखने में सफल रहा है। वहीं दूसरी ओर, अदाणी समूह पहली पीढ़ी के उद्यमी की ओर से शुरू किया गया देश का सबसे मूल्यवान व्यवसाय है।
रिपोर्ट में दिए गए, आंकड़ों के अनुसार कुमार मंगलम बिड़ला परिवार की संपत्ति पिछले साल 20 प्रतिशत बढ़कर 6.47 लाख करोड़ रुपये हो गई। वे पीढ़ी दर पीढ़ी आधार पर संपत्ति अर्जित करने वाले परिवारों की सूची में एक स्थान ऊपर चढ़कर दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। वहीं, जिंदल परिवार की संपत्ति भी 21 प्रतिशत बढ़कर 5.70 लाख करोड़ रुपये हो गई।
देश के शीर्ष 300 परिवारों की संपत्ति एक साल में 17000 करोड़ रुपये बढ़ी
बजाज परिवार सूची में एक स्थान नीचे खिसक कर चौथे स्थान पर आ गया। उनकी संपत्ति 21 प्रतिशत घटकर 5.64 लाख करोड़ रुपये रह गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति के लिहाज से देश के शीर्ष 300 परिवारों ने पिछले वर्ष प्रतिदिन 7,100 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की।
हुरुन की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 8,700 करोड़ रुपये) से अधिक संपत्ति रखने वाले परिवारों की संख्या 37 बढ़कर 161 हो गई है। सूची में शामिल एक-चौथाई से अधिक व्यवसाय एक्सचेंजों में सूचीबद्ध नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सूची में शामिल केवल 11 प्रतिशत व्यवसाय सेवा क्षेत्र से जुड़े। वहीं बाकि 89 प्रतिशत भौतिक उत्पाद बेचते हैं।
देश में सबसे धनाढ्य परिवारों में 91 मुंबई से
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष ऐसी नौ कंपनियां सूची से जुड़ी हैं जो परिवार के बाहर से नियुक्त पेशेवर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के जरिए व्यवसाय चलाना पसंद करती हैं। अब ऐसे परिवारों की कुल संख्या 62 है। सूची में मुंबई में सबसे अधिक 91 परिवार हैं। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर से 62 और कोलकाता से 25 परिवार हैं।रिपोर्ट में एक दिलचस्प जानकारी देते हुए कहा गया है कि निजी इक्विटी ने ऐसे व्यवसायों में अपने स्वामित्व का विस्तार किया है। हुरुन इंडिया के मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने इस मामले में टेमासेक की ओर से हल्दीराम में किए गए निवेश का उदाहरण दिया है।
संपत्ति के मामले में शीर्ष परिवारों ने 5100 रुपये दान में दिए
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष शीर्ष पारिवारिक व्यवसायों में से लगभग तीन-चौथाई की संपत्ति में वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी टैरिफ के केंद्र में होने के कारण, सूची में शामिल लगभग 120 कंपनियों, जिनमें अरविंद का डेनिम, भारत फोर्ज का ट्रक एक्सल और मेरिल के मेडिकल उपकरण शामिल हैं, को अगले 12 महीनों में अरबों डॉलर के निर्यात राजस्व का जोखिम उठाना पड़ सकता है। यह खतरा इसलिए है क्योंकि अमेरिका ने भारत से अपने यहां निर्यात होने वाली वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का एलान किया है। रिपोर्ट में दानवीरों की चर्चा करते हुए कहा गया है कि शीर्ष परिवारों ने पिछले वर्ष विभिन्न कार्यों के लिए 5,100 करोड़ रुपये दान में दिए हैं। ऐसे परिवारों की कुल संयुक्त संपत्ति 134 लाख करोड़ रुपये है।
