नई दिल्ली. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कुछ समय पहले आम लोगों को डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड जैसे उत्पादों से दूर रहने की हिदायत देते हुए कहा था कि ये उत्पाद सरकारी मंजूरी वाले सिक्योरिटीज नहीं हैं और उसके दायरे में नहीं आते। इसके बावजूद लोग खासकर युवा इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस साल जनवरी से नवंबर के बीच भारतीय निवेशकों, खासकर युवा खरीदारों ने डिजिटल गोल्ड की खूब खरीदारी की। अनुमान है कि उन्होंने करीब 12 टन डिजिटल गोल्ड खरीदा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक WGC का यह अनुमान नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के UPI ट्रांजैक्शन के आंकड़ों पर आधारित है, जिनका इस्तेमाल डिजिटल गोल्ड खरीदने के लिए किया गया। NPCI ने इस साल पहली बार ये आंकड़े जारी किए हैं। मुंबई में बुधवार को सोने की जो कीमत थी, उसके हिसाब से 12 टन 24-कैरेट सोने की कीमत लगभग 16,670 करोड़ रुपये है। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारतीयों ने 2024 में 8 टन के बराबर डिजिटल गोल्ड खरीदा था।
डिजिटल गोल्ड एक ऐसा तरीका है जिससे लोग ऑनलाइन सोना खरीद, बेच और रख सकते हैं। इसकी खासियत यह है कि आप सिर्फ 1 रुपये से भी सोना खरीदना शुरू कर सकते हैं। यही वजह है कि यह पहली बार निवेश करने वाले और युवा खरीदारों के बीच बहुत लोकप्रिय है जो ऐप्स और फिनटेक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। सेबी की चेतावनी से निवेशक थोड़ा सतर्क हो गए हैं। लेकिन उद्योग से जुड़े लोग डिजिटल गोल्ड के लिए एक नियम-कानून का ढांचा बनाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने में निवेश करने का एक पारदर्शी तरीका बन रहा है।
WGC के भारत के रीजनल चीफ एग्जीक्यूटिव सचिन जैन ने कहा, “भारतीय घरों में सोने का एक खास स्थान है और यह एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। डिजिटल गोल्ड इस विरासत को आगे बढ़ा रहा है। यह छोटे-छोटे हिस्सों में सोना खरीदने और बाजार के हिसाब से तय होने वाली पारदर्शी कीमतों की सुविधा देता है। साथ ही, यह सोने को रखने और उसकी शुद्धता को लेकर चिंताएं भी दूर करता है।”
प्रमुख कंपनियां
भारत में डिजिटल गोल्ड सेक्टर की बड़ी कंपनियों में MMTC PAMP, Augmont और SafeGold शामिल हैं। ये कंपनियां ग्राहकों की ओर से सोने को तिजोरियों में सुरक्षित रखती हैं। ग्राहक किसी भी समय प्लेटफॉर्म के जरिए अपना सोना बेचकर आसानी से पैसा पा सकते हैं। सेबी ने नवंबर में कहा था कि डिजिटल गोल्ड उसके रेगुलेशन के तहत कोई सिक्योरिटी नहीं है और न ही यह गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETFs) या इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (EGRs) की तरह मौजूदा कमोडिटी बाजार नियमों के तहत आता है।
