ED : फ्रंट-रनिंग मामले में ईडी की सबसे बड़ी कार्रवाई, 2 लाख करोड़ रुपये की गड़बड़ी का मामला, एक गिरफ्तार

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Axis Mutual Fund के पूर्व मुख्य ट्रेडर और फंड मैनेजर वीरेश जोशी को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. उन पर ‘फ्रंट-रनिंग’ के जरिए निवेशकों के साथ 2 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. विशेष PMLA कोर्ट ने जोशी को 8 अगस्त तक ED की हिरासत में भेजा है।
फ्रंट-रनिंग एक अनैतिक और गैरकानूनी तरीका है, जिसमें ब्रोकर या ट्रेडर क्लाइंट के ऑर्डर की जानकारी का दुरुपयोग कर पहले अपने लिए ट्रेड करते हैं. इससे बाजार की निष्पक्षता को नुकसान होता है और अन्य निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है.
ED ने 1 अगस्त को दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, लुधियाना, अहमदाबाद, भावनगर, भुज और कोलकाता में कई स्थानों पर तलाशी ली. यह जांच Axis Mutual Fund के 2018 से 2021 के बीच ट्रेड किए गए शेयरों में फ्रंट-रनिंग के जरिए अवैध मुनाफा कमाने की गतिविधियों से जुड़ी है।
मामले की शुरुआत
यह मनी लॉन्ड्रिंग मामला मुंबई पुलिस द्वारा दिसंबर 2024 में दर्ज एक FIR से शुरू हुआ. FIR में आरोप है कि जोशी ने Axis Mutual Fund की ओर से किए जाने वाले ट्रेड की गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग कर पहले से शेयरों में ट्रेड किया और भारी अवैध मुनाफा कमाया. इससे Axis Mutual Fund के निवेशकों, जिनके पास 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, को धोखा दिया गया.
दुबई से ट्रेडिंग – ED के अनुसार, जोशी ने दुबई में एक टर्मिनल का इस्तेमाल कर विभिन्न ब्रोकरों से मिले ‘म्यूल ट्रेडिंग खातों’ के जरिए फ्रंट-रनिंग ऑर्डर दर्ज किए.
पूरे मामले में कई अन्य शामिल
जांच में पता चला कि जोशी के अलावा कई अन्य ट्रेडरों और ब्रोकरों ने भी Axis Mutual Fund के ट्रेड की अग्रिम जानकारी का दुरुपयोग कर अवैध मुनाफा कमाया. ED का कहना है कि अब तक 200 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध फंड का पता चला है, और यह राशि और भी ज्यादा हो सकती है।