नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लोन राशि का दुरुपयोग करने वाले कॉर्पोरेट दिग्गजों और प्रमोटर्स पर शिकंजा कस रही है. इसी कड़ी में अब एजेंसी ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (IHFL) के को फाउंडर समीर गहलोत और कई नामी कंपनियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. यह मामला लगभग 10,000 करोड़ रुपए की कथित हेरा-फेरी और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने ईडी की शिकायत पर समीर गहलोत और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा ईडी ने कुछ कंपनियों के खिलाफ भी वित्तीय धोखाधड़ी और फंड्स के हेर-फेर का मामला दर्ज किया है.
नियमों को ताक पर रखकर बांटे लोन
इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड पर आरोप है कि उसने नियमों को ताक पर रखकर कई बड़े कॉर्पोरेट ग्रुप को हजारों करोड़ रुपए का लोन दिया था.
लोन्स के बदले कमीशन
यह लोन जिस उद्देश्य (जैसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स आदि) के लिए लिया गया था, उसका इस्तेमाल वहां न करके शेयरों में निवेश या फिर अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया गया.
इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि ये लोन लेन-देन (Quid Pro Quo) के आधार पर बांटे गए हैं.
आरोप है कि समीर गहलोत ने इन कर्जों के बदले में कमीशन हासिल किया और पब्लिक मनी को भारी नुकसान पहुंचाया.
इन कंपनियों ने लिया भारी भरकम कर्ज
ईडी की अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि अमेरिकॉर्प, रिलायंस (ADAG), DLF और वाटिका ग्रुप जैसी कंपनियों ने IHFL से भारी-भरकम लोन लिया है.
किस कंपनी ने लिया कितना कर्ज
रिलायंस (ADAG) की पांच कंपनियों ने 1580 करोड़ रुपए का लोन लिया है.
डीएलएफ ग्रुप ने 1705 करोड़ रुपए और वाटिका ग्रुप ने 4600 करोड़ रुपए का लोन लिया है.
हरीश फैबियानी के अमेरिकॉर्प ग्रुप ने 2078 करोड़ रुपए का IHFL से लोन लिया है.
कंपनियों को दिया गया कर्ज
वाटिका ग्रुप 4,600 करोड़
अमेरिकॉर्प ग्रुप (हरीश फैबियानी) 2,078 करोड़
DLF ग्रुप 1,705 करोड़
रिलायंस ADAG (5 कंपनियां) 1,580 करोड़
कुल अनुमानित राशि 10,000 करोड़
बड़े पैमाने पर हेरा-फेरी
इंडियाबुल्स हाउसिंग के पूर्व प्रमोटर समीर गहलोत पर आरोप हैं कि वह ऊपर बताई गई सभी कंपनियों को लोन देने में शामिल थे. ट्रांजेक्शन को धोखाधड़ी की मंशा से अंजाम दिया गया है. पैसों को मामूली ब्याज दरों पर इधर से उधर ट्रांसफर किया गया, जिससे बैंकों और आम जनता के पैसे का नुकसान हुआ है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा अब इस पूरे फ्रॉड की गहराई से जांच कर रही है. ईडी का यह मानना है कि लोन की आड़ में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई है. साथ ही अब जिम्मेदार लोगों पर सख्त लीगल एक्शन लेने की भी तैयारी चल रही है।
