Bhopal: खुद अपना दायरा तय करती कोलांस नदी…अतिक्रमणकारियों के घर पहुंची…
भोपाल। हम इंसानों ने सारी धरती को अपनी प्रॉपर्टी मान रखा है। कलेक्टर जब चाहे जमीन का LAND USE बदल सकता है परंतु बीती रात भोपाल की कोलांस नदी ने अपने अधिकार वाली जमीन का सीमांकन करके कलेक्टर को बता दिया है कि आपके पास केवल कृषि, व्यावसायिक और रिहाइशी जमीन का LAND USE बदलने का पावर है। यदि नदी की जमीन पर अतिक्रमण किया तो पछताना पड़ेगा।
भोपाल से सीहोर के बीच हाईवे के एक तरफ का करीब 5 किलोमीटर का इलाका कोलांस नदी का है। सरकार ने यह जमीन कुछ किसानों को खेती करने के लिए दे दी है। इसके कारण यह इलाका कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में आ गया है। कलेक्टर जब चाहे LAND USE चेंज कर सकता है परंतु कोलांस नदी ने बता दिया है कि यह जमीन उसकी है। यदि उसकी जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश की तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। जिस प्रकार प्राकृतिक नदियों ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था। वैसा अभियान भोपाल और मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है।
यदि कोई ग्राम पंचायत के इलाके में भी निर्माण कार्य करें तो ग्राम पंचायत से NOC लेनी पड़ती है, लेकिन भोपाल सीहोर हाईवे के किनारे एक लग्जरी होटल तान दिया गया है। जिस स्थान पर होटल खड़ा है वह जमीन कोलू खेड़ी नाला की है। इस बार होटल के ग्राउंड फ्लोर में 6 फिट पानी भरकर कोलू खेड़ी नाला ने बता दिया है कि, जमीन उसकी है। उसकी जमीन पर होटल बनाने की परमिशन किसने दी। कोलू खेड़ी नाला से NOC क्यों नहीं ली।