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Bhopal : बारिश की बेरुखी.. बड़ा तालाब, कोलार, केरवा-कलियसोत डैम अभी भी खाली

भोपाल। बारिश के मौसम के शुरुआती दौर से ही मानसून की बेरुखी से मध्यप्रदेश के डैम-तालाब पूरे नहीं भर सके हैं। बरगी, इंदिरा सागर, तवा और टिल्लर जैसे बड़े डैम को छोड़ दें तो बाकी से पानी नहीं छलका है। ऐसे ही हाल राजधानी भोपाल के जलस्रोतों के भी है। चाहे बात लाइफ लाइन बड़ा तालाब की हो या कोलार, केरवा-कलियासोत डैम की। ये अभी भी 2.65 फीट से 14 फीट तक खाली है। इस कारण सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की कमी हो सकती है। 

भोपाल में अब तक औसम 21.62 इंच बारिश हुई है, जबकि 33.71 इंच बारिश होनी चाहिए थी। इस हिसाब से 64% बारिश ही हुई है। 36% बारिश कम होने से जलस्रोत भर नहीं सके हैं। इन्हीं जलस्रोतों के भरोसे शहर की 70% आबादी है, जबकि 30% आबादी को नर्मदा का पानी सप्लाई किया जाता है।

कोलार के दो गेट खुल चुके, इसके बाद पानी नहीं बढ़ा

भोपाल से जुड़े सीहोर जिले में भी 22% बारिश कम हुई है। सीहोर में तेज बारिश होने से बड़ा तालाब और केरवा डैम में पानी की आमद होती है, जबकि कोलार डैम सीहोर जिले में ही है। वहां कम बारिश होने के कारण कोलार डैम भी फुल नहीं भर सका है। हालांकि, जुलाई में अच्छी बारिश होने से कोलार डैम के 8 में से 2 गेट खुल गए थे। इसके बाद डैम में पानी नहीं बढ़ा। अगस्त में एक भी गेट नहीं खुला।

बड़ा तालाब नहीं भर सका

बड़ा तालाब, भदभदा और कलियासोत डैम एक-दूसरे से कनेक्ट हैं। जब बड़ा तालाब पूरी तरह से भरता है तो भदभदा डैम के गेट खुलते हैं। भदभदा डैम का पानी जब कलियासोत डैम में पहुंचता है, उसके गेट खोले जाते हैं। इस बार बड़ा तालाब ही लबालब नहीं भर पाया है। इस कारण भदभदा और कलियासोत के गेट भी नहीं खुल पाए हैं। कलियासोत डैम का पानी सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। बाकी से पेयजल सप्लाई होती है।

कोलांस नदी उफान पर नहीं, इस कारण आवक कम

बड़ा तालाब की जलभराव क्षमता 1666.80 फीट है। अभी इसमें 1664.15 फीट पानी है। यानी, इसे पूरी तरह से भरने में ढाई फीट से ज्यादा पानी की जरूरत है। पूरा भरने के बाद भदभदा डैम के गेट खुलेंगे। सीहोर में कम बारिश होने से कोलांस नदी खाली है। इसी नदी से बड़ा तालाब में पानी आता है। बड़ा तालाब से शहर के 25% हिस्से में पानी की सप्लाई होती है।

कोलार डैम: कोलार डैम का कुल वाटर लेवल 1516.40 फीट है। अभी इसमें 1502.46 फीट पानी जमा है। जुलाई में इसके दो गेट खुल चुके हैं, लेकिन अगस्त में पानी की आवक ज्यादा नहीं हुई। इस कारण डैम को फुल भरने में अभी भी 14 फीट पानी की जरूरत है। शहर के 40% हिस्से में कोलार से पानी की सप्लाई की जाती है।

केरवा डैम: कुल 1673 फीट वाले केरवा डैम में अब तक 1666.69 फीट पानी आ चुका है। इस मानसूनी सीजन में डैम के गेट एक बार भी नहीं खुले हैं, जबकि पिछले साल जुलाई में ही सभी गेट खुल गए थे। डैम को फुल टैंक भरने के लिए 7 फीट से ज्यादा पानी की जरूरत है। केरवा डैम से शहर में 5% पानी की ही सप्लाई होती है।

कलियासोत डैम: डैम का वॉटर लेवल 1650.26 फीट है। अगस्त में पानी की आमद नहीं हुई। इस कारण कलियासोत नदी सूखी स्थिति में है। डैम की कुल जलभराव क्षमता 1659 फीट है। इसके चलते डैम अभी भी 9 फीट खाली है। यदि बड़ा तालाब के गेट खुलते हैं तो कलियासोत डैम में पानी आएगा और गेट खुल जाएंगे।

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