Bhopal: डेंगू का संक्रमण बढ़ा, एक बच्चे की मौत का दावा, 4 नए मरीज मिले
भोपाल। भोपाल में डेंगू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार तक 4 नए मरीज मिलने के साथ मरीजों का आंकड़ा बढक़र 270 के पार हो गया है। हमीदिया अस्पताल के शिशु रोग विभाग में भर्ती रहे नजीराबाद के 10 साल के कृष्णपाल की बुखार से 12 सितंबर को मौत हो गई थी। बच्चे के पिता का कहना है कि बेटे की मौत डेंगू से हुई है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इसे मानने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कहा कि अधिकारियों को नियमित रूप से फॉगिंग करने के निर्देश दिए जाएंगे।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी का कहना है कि भोपाल में डेंगू से अब तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। जिला मलेरिया अधिकारी ऑफिस से भी अब तक डेंगू से किसी मरीज की मौत की रिपोर्ट नहीं आई। स्वास्थ्य विभाग डेंगू के बढ़ते संक्रमण को नियंत्रित करने लार्वा और फीवर सर्वे तो कर रहा है। लेकिन, नगर निगम की फॉगिंग पूरी तरह से बंद है। शहर के अलग – अलग इलाकों में डेंगू के रैपिड कार्ड और एलाइजा पॉजिटिव मरीज रोजाना मिल रहे हैं। यह खुलासा शहर में डेंगू के बढ़ रहे संक्रमित इलाकों की पड़ताल में हुआ है।
जिला मलेरिया कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल के 9 इलाकों को डेंगू संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है। इन क्षेत्रों में 5 से ज्यादा डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल की तुलना में इस साल डेंगू का संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो गई है। बीते साल सितंबर तक डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या 110 थी। यह इस साल 20 सितंबर को 250 के पार हो गई है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के अफसर भोपाल में डेंगू बुखार का संक्रमण नियंत्रण में होने का दावा कर रहे हैं।
10 साल के कृष्णा की मौत?
पर्वत सिंह ने बताया कि 7 सितंबर को कृष्णपाल को बुखार की शिकायत होने पर हमीदिया अस्पताल के शिशु रोग वार्ड में भर्ती कराया था। अस्पताल में डॉक्टर्स ने बच्चे को इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती किया था। यहां सात दिन तक चले इलाज के बाद बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत को 8 दिन से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन, सीएमएचओ और जिला मलेरिया अधिकारी दफ्तर की ओर से एक भी टीम अब तक न तो लार्वा सर्वे करने आई है और न ही फीवर सर्वे करने।
न फॉगिंग हुई, न फैमिली मेंबर का डेंगू टेस्ट
दाता कॉलोनी में रहने वाले एसएस गुर्जर ने बताया कि 15 सितंबर को डेंगू की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर आकर पानी की टंकी, कूलर आदि में लार्वा सर्वे किया। लार्वीसाइट का छिडक़ाव किया था। कॉलोनी में फॉगिंग किए जाने और दोबारा लार्वा सर्वे का आश्वासन दिया था। लेकिन, अब तक न तो फॉगिंग हुई और न ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आकर दोबारा लार्वा सर्वे किया, न ही फैमिली के किसी सदस्य का डेंगू टेस्ट किया। एसएस गुर्जर ने बताया कि उन्हें डेंगू के इलाज पर 26 हजार रुपए खर्च करना पड़ा। तीन दिन तक माता मंदिर स्थित एके हॉस्पिटल में भर्ती रहे। तब डेंगू ठीक हुआ।