MP: लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल पर हुई एफआईआर सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज


इंदौर. इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ हुई एफआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए विवादित किताब को लेकर कहा है कि यह किताब तो सुप्रीम कोर्ट की लाइब्रेरी में भी मिल सकती है।
दरअसल, पूरा मामला दिसंबर 2022 का है. जहां शासकीय लॉ कॉलेज में प्रोफेसर पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप लगाया गया था. मामला पुलिस तक पहुंच गया. छात्रों ने आरोप को लेकर सबूत पेश किया. साथ ही थाने में आवेदन भी पुलिस को दिया. जिसमें किताब के लेखक डॉक्टर फरहत खान इंदौर शासकीय लॉ कॉलेज के प्राचार्य इनामुरहमान के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की।
पुलिस को दिए गए आवेदन के साथ किताब सामूहिक हिंसा और दंड न्याय पद्धति का लेखन संकलन किया गया. आरोप लगाया की किताब में लेखक ने जानबूझकर सत्य और बिना किसी साक्ष्य के आधार पर हिंदू धर्म के विरुद्ध झूठी टिप्पणी की है. विषयगत पुस्तक को लेकर शासकीय विधी महाविद्यालय के मुस्लिम शिक्षा को द्वारा जानबूझकर छात्रों को यह किताब पढ़ाई जा रही है।
लेखक ने राष्ट्रीय विरोधी मुहिम के तहत पुस्तक में धर्म और आरएसएस के विरुद्ध सत्य और झूठे तथ्यों को लिखा है. बाद में चारों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर प्रिंसिपल रहमान को निलंबित कर उच्च शिक्षा विभाग ने विभागीय जांच बैठा दी. तब से रहमान निलंबित हैं और सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत पर हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

Related Articles