वर्ष-2016 में हुई धोखाधड़ी की जांच 2020 में नरसिंहपुर के तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कराई गई थी। कूटरचित दस्तावेजों पर किसी और की जमीन हड़पकर मुआवजा राशि वितरण में गोलमाल की हकीकत उजागर होने के बाद नरसिंहपुर कलेक्टर ने ईओडब्ल्यू के महानिदेशक से पत्राचार कर कार्रवाई की सिफारिश की थी।
आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू जबलपुर इकाई के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई निवासी मिथिलेश गुप्ता की तेंदूखेड़ा में निजी स्वामित्व की 7.30 एकड़ जमीन है। राइट टाउन जबलपुर निवासी प्रशांत पाठक ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर उक्त भूमि अपने नाम पर दर्ज करा ली थी। जमीन का कुछ हिस्से का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण किया गया था। जमीन अधिग्रहण के बदले फर्जी भूस्वामी प्रशांत पाठक ने प्राधिकरण से मिली दो करोड़ 12 हजार 500 रुपये की मुआवजा राशि हड़प ली थी।
मुख्यालय के निर्देश पर ईओडब्ल्यू निरीक्षक विशाखा तिवारी ने मामले की जांच की। करोड़ों की धोखाधड़ी के प्रमाण मिलने पर एसडीएम रहे राजेंद्र राय, प्रशांत पाठक के खिलाफ धारा 406, 409, 420, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अंतर्गत एफआइआर दर्ज की गई।
Post a Comment