चर्चा में गुना सांसद केपी यादव ने कहा- यह कार्यक्रम मेरी जानकारी में नहीं है, लेकिन कुछ वीडियो के जरिए पता चला कि इस तरह का कार्यक्रम हुआ था। कार्यक्रम जिसने भी कराया, उससे अच्छा संदेश नहीं जाता। हमें समाज को जोड़ने की राजनीति करनी चाहिए, न कि लोगों को तोड़ने की। भले ही, वह किसी भी समाज का कार्यक्रम हो। ऐसे आयोजनों से समाज जुड़ने के बजाय बंटता है।
गुना सांसद ने कहा- ऐसा पहली बार हुआ है कि मेरे समाज के कार्यक्रम में मुझे ही नहीं बुलाया गया। ये गलत है। किसके कहने पर हुआ ? क्यों ऐसा लोगों ने किया? यह किसी का षड्यंत्र रहा होगा। नहीं तो इस तरह से कभी होता नहीं है। सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। आपसी मनमुटाव तो सब अपनी जगह है, लेकिन कोशिश होनी चाहिए कि हम सभी समाजों को बांधकर चलें। साध कर चलें। कभी भी समाज बंटता है, तो उस समाज का नुकसान होता है। अगर समाज में एकता नहीं है, तो उसका भला नहीं हो सकता। मेरा दिल आहत है। ऐसे आयोजन नहीं करना चाहिए।
केपी यादव ने कहा- मेरे ख्याल से इससे गलत संदेश जाता है। समाज को भी विचार करना चाहिए। किसी के कहने से नहीं चलना चाहिए। षड्यंत्र में नहीं फंसना चाहिए।
केपी बोले- किसी ने बोला है कि मुझे न बुलाया जाए
सांसद केपी यादव ने कहा- ये जो कार्यक्रम हुए, उनमें समाजों द्वारा मुझे न बुलाया जाना.. मुझे लगता है कि या तो उन्हें किसी ने बोला है कि आप इन्हें न बुलाएं। मैं उस संसदीय क्षेत्र का जनप्रतिनिधि हूं। इस नाते, मैं सभी समाजों का प्रतिनिधि हूं, क्योंकि मुझे सभी समाजों का आशीर्वाद मिला, तभी हम सांसद हैं। इस तरह के कार्यक्रम करना और वहीं के किसी जनप्रतिनिधि को न बुलाना, ये उनके मन में फ्रैक्शन डालना है। कहीं न कहीं उस समाज के लोगों को ऐसा लगेगा कि हमने सांसद जी को नहीं बुलाया, तो हम अपनी बात लेकर उनके पास कैसे जाएं। हालांकि मेरे मन में ऐसी कोई बात नहीं हैं।
Post a Comment