राहुल गांधी की याचिका रांची की एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज की,पेशी से छूट की मांग की थी

मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब रांची की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी। उनके खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में प्रदीप मोदी नाम के व्यक्ति ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इसे लेकर राहुल ने एक याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की थी।

इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने 2019 के मामले में हुई सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस हेमंत प्रच्छक गर्मी की छुट्टी के बाद फैसला सुनाएंगे। कोर्ट ने तब तक के लिए राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
किस मामले में हुई राहुल को सजा?
राहुल गांधी की ओर से 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए कुछ दिन की मोहलत भी दी थी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी। राहुल ने सूरत की कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की थ्राीं, जिनमें एक को कोर्ट ने खारिज कर दिया था और दूसरी पर तीन मई को सुनवाई होनी है।
राहुल ने क्या कहा था?
दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?' इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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