ना इन्हें दस हजार मिले न उन्हें पंद्रह, नौकरी अलग चली गई... सीएम की सभा के बाहर हंगामा करना महंगा पड़ा आशा उषा कार्यकर्ताओं को...

ग्वालियर। ना खुदा ही मिला न बिसाले सनम... वाली कहावत ग्वालियर की आशा उषा कार्यकर्ताओं पर सच साबित हो गई। असल में सीएम शिवराज सिंह चौहान की सभा में विरोध करने पर ग्वालियर सीएमएचओ ने 25 आशा उषा कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया है। सीएमएचओ ने कहा है कि सीएम का घेराव करने वाली जिन आशा उषा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध एफआईआर की गई थी, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है। आशा उषा कार्यकर्ता एमपी में अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। वे लगातार वेतन में वृद्धि की मांग कर रही हैं।
पिछले दिनों आशा उषा कार्यकर्ताओं ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का घेराव किया था, जब वे अंबेडकर महाकुंभ में शामिल होने ग्वालियर आए थे। इसके बाद गुस्साई पुलिस ने आठ आशा उषा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध केस दर्ज किया था। अब इसी मामले में कड़ी कार्रवाई देखने को मिल रही है। ग्वालियर सीएमएचओ ने उन नामजद आशा उषा कार्यकर्ताओं सहित 25 महिलाओं को नौकरी से भी निकाल दिया है।
आशा उषा कार्यकर्ता पिछले कई दिनों से ग्वालियर में फूलबाग चौराहे पर धरना दे रही हैं। उनकी मांग है कि आशा को दस हजार और उषा कार्यकर्ताओं को पंद्रह हजार रुपए मानदेय दिया जाए। जबकि उनका मानदेय महज दो हजार रुपए है। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर आशा उषा कार्यकर्ता सीएम के ग्वालियर आगमन पर उनसे मिलना चाहतीं थी और उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराना चाहती थीं।
जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें सीएम से मिलने नहीं दिया। इसके बाद गुस्साई आशा उषा कार्यकर्ताओं ने जोरदार ढंग से प्रदर्शन किया और जमकर सीएम विरोधी नारेबाजी की थी। इसके बाद पुलिस ने आठ आशा उषा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध केस दर्ज किया था। अब इसी मामले में ग्वालियर सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने कड़ी कार्रवाई करते हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल 25 आशा उषा कार्यकर्ताओं को नौकरी से निकाल दिया है।

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