भाजपा धार्मिक मुद्दों को राजनीतिक मंच पर ला रही है, कार्यकाल का हिसाब दे: कमलनाथ

 
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा धार्मिक मुद्दों को राजनीतिक मंच पर लेकर आ रही है और अपने कार्यकाल का हिसाब नहीं दे रही। यदि मध्यप्रदेश में कट्टरवादी संगठनों की घुसपैठ हुई है तो यह पुलिस प्रशासन का दायित्व होना चाहिए कि मध्य प्रदेश को ऐसी शक्तियों से मुक्त करे। वे आज पीसीसी में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। 
कमलनाथ ने कहा कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी द्वारा भगवान बजरंगबली के नाम का दुरुपयोग करने का भरपूर प्रयास किया गया, किस प्रकार पैसे का दुरुपयोग किया गया उसके बावजूद कांग्रेस की कुल सीटों की 50 प्रतिशत सीटें भी नहीं जीत पाए, 64 सीटों पर सिमट कर रह गए। मैंने केरल स्टोरी नहीं देखी और इस विषय में ज्यादा जानकारी नहीं, परंतु आम मतदाता अब बहुत समझदार हो चुका है वह समझ रहा है कि धार्मिक मुद्दों का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह बात एक बार नहीं अनेकों बार कहीं है कि जो व्यक्ति या संगठन समाज में नफरत, वैमनस्यता और बांटने की बातें करें उन पर बैन लगना चाहिए और कार्यवाही होनी चाहिए, काम किसी व्यक्ति अथवा संस्था को टारगेट करने का कार्य नहीं करेंगे। 
उन्होंने कहा कि हमारे वचन पत्र लगभग पूरा होने को है, किसान कर्ज माफी से जुड़ी हुई तमाम घोषणाएं कांग्रेस के वचन पत्र में आ जायेंगी। हमारी नारी सम्मान योजना को प्रदेश भर से बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है अंत में मुद्दा यह होगा कि जनता किस पर विश्वास करती है और इसी विश्वास के मुद्दे पर मध्य प्रदेश का चुनाव लड़ा जाएगा। कर्नाटक के सवाल पर उनका कहना था कि सिद्धारमैया जी और डीके शिवकुमार जी दोनों मेरे बहुत नजदीक है मेरी दोनों से लगातार बात हो रही है मेरी खरगे जी से भी बात हुई है, आज डीके शिवकुमार का जन्मदिन भी है मुख्यमंत्री कौन होगा इस विषय में मैं कुछ नहीं बोलना चाहता।
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