पीसीसीएफ जेएस चौहान ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में एक शावक की मौत के बाद 3 अन्य शावकों की स्थिति भी ठीक नहीं लग रही थी, इसे ध्यान में रखते हुए कूनो वन्य प्राणी चिकित्सकों की देखरेख में तीनों शावकों को रखा गया था। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई है। गुरुवार को इलाज के दौरान इनमें से दो की मौत हो गई है। एक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
कूनो में अब 18 चीते ही बचे
पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले 3 चीतों और फिर एक-एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। अब कूनो में 18 चीते ही रह गए हैं।
कब-कब हुई चीतों की मौत
26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत
23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय की मौत
9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत
23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत
25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की मौत
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