Rahul Gandhi: पत्रकार के सवाल पर नाराज हुए राहुल गांधी, जाने क्या है मामला

Rahul Gandhi: Rahul Gandhi got angry on the question of journalist, know what is the matter

मुश्किलों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी मंगलवार को मीडिया पर हमलावर नजर आए। राजधानी दिल्ली में स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देने के बजाय वह भड़क गए। उन्होंने पत्रकार से भड़कते हुए पूछा कि 'आप हमेशा वही क्यों कहते हैं जो भाजपा कह रही है'। वहीं, भाजपा ने इसपर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने इसे मीडिया पर हमला बताया है। 

क्या है पूरा वाकया 

दरअसल, जब राहुल गांधी सोमवार को मानहानि मामले में अपनी याचिका दाखिल करने गए थे, उस समय उनके साथ बड़ी संख्या में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी थे। गौरतलब है कि इन नेताओं में तीन राज्यों के सीएम भी मौजूद थे। इस पर भाजपा ने सवाल खड़े किए थे। भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस ऐसा करके न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। इसी पर मंगलवार को जब कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी से एक पत्रकार ने सवाल किया तो वे खीझ गए। जवाब देने के बजाय वे भड़कते हुए बोले, 'आप हमेशा वही क्यों कहते हैं जो भाजपा कह रही है?' 
इस दौरान अपने आरोपों को दोहराते हुए राहुल गांधी ने पूछा कि अदाणी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये का मालिक कौन है? यह 'बेनामी' है। इसका मालिक कौन है। बाद में उन्होंने एक ट्वीट में इस पूरे मामले में पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी क्यों डर गए हैं?

भाजपा ने कहा- ये मीडिया पर हमला

इसे लेकर भाजपा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा कि देश के पिछड़े वर्गों और मीडिया का अपमान करना राहुल गांधी की मानसिकता है। इतना ही नहीं भाजपा ने उन्हें अहंकारी वंशवादी बताया।  

क्या है मामला? 

दरअसल, राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 'मोदी सरनेम' पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। जिसपर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों सूरत की एक अदालत ने अपना फैसला सुनाया। राहुल गांधी को इस मामले में दोषी छठराते हुए दो साल की सजा सुना दी। नियम के अनुसार, अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। राहुल के साथ भी ऐसा ही हुआ। अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता जाने का आदेश जारी कर दिया था। 

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