संपादकीय... बयानों से बवंडर का बिगुल....

क्या महाराष्ट्र की राजनीति में वाकई कुछ बड़ा परिवर्तन होने वाला है? इसे नया भूचाल कह सकते हैं? क्या यहां किसी भी वक्त मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं? एनसीपी नेता अजित पवार और सुप्रिया सुले के ट्वीट के बाद गरमाई राजनीति में शरद पवार, उद्धव ठाकरे और संजय राउत के ताजा बयानों से ऐसा लगता है कि अंदर ही अंदर बहुत कुछ पक रहा है। शिंदे गुट के विधायकों के अयोग्य घोषित होने की आशंकाओं के चलते भाजपा के रणनीतिकारों की चुप्पी इस मामले को और रहस्यमय बना रही है।
असल में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाविकास अघाड़ी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। शरद पवार ने यह कहा है कि फिलहाल महाविकास अघाड़ी है लेकिन कल रहेगी या नहीं इसका पता नहीं। अब पवार का यह बयान उद्धव ठाकरे और शिवसेना के लिए मुश्किलें बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है। शरद पवार ने यह भी कहा है कि एमवीए के तीनों घटक दल एकसाथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है। जबकि उद्धव ठाकरे गुट काफी दिनों से एक साथ आगामी चनाव लडऩे की बात कहता रहा है। ऐसे में पवार का यह विरोधाभासी बयान काफी अहम माना जा रहा है।
शरद पवार से यह सवाल पूछा गया था कि साल 2024 के चुनाव महाविकास एक साथ लड़ेगी? इसके अलावा क्या वंचित बहुजन अघाड़ी को भी एमवीए में शामिल किया जायेगा। जवाब में शरद पवार ने कहा कि प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ इस विषय पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। हमने सिर्फ कर्नाटक चुनाव में यह गठबंधन किया है। हालांकि, महाविकास अघाड़ी चुनाव में एकसाथ लड़ेगी इसपर अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा। अभी सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दे हैं जिनपर अभी चर्चा होना बाकी है। इसलिए साथ में चुनाव लडऩे के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।
असल में एकनाथ शिंदे समर्थक बागी विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिदे गुट के 16 विधायकों की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हफ्ते भर में आने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में जिस तरह का रुख अपनाए हुए है, उससे ऐसा लग रहा है कि कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। पिछले साल शिवसेना की अगुवाई वाली महाविकास आघाड़ी की सरकार जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट की ओर से 16 विधायकों की सदस्यता की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। यदि संविधान पीठ के फैसले में इन 16 विधायकों की सदस्यता को अवैध ठहराया जाता है तो अभी चल रही एकनाथ शिदे सरकार खतरे में पड़ सकती है।
इस बीच, उद्धव ठाकरे और उनके करीबी संजय राउत ने महाराष्ट्र में चुनावों की बात कही है। राउत ने दावा किया कि वर्तमान मुख्यमंत्री और उनके 40 विधायकों की सरकार 15 से 20 दिन में गिर जाएगी। अब यह तय होना है कि कौन इस पर हस्ताक्षर करेगा। वहीं उद्धव ठाकरे ने भी कहा है कि महाराष्ट्र में किसी भी समय चुनाव हो सकते हैं और हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
ये तमाम चर्चाएं और अटकलें तब तेज हुईं, जब जब एनसीपी नेता अजित पवार का बयान आया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे सीएम भी बन सकते हैं। इसके बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि अजित पवार ने इससे इन्कार किया है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह भी भाजपा का प्लान है। यदि शिंदे समर्थक विधायक अयोग्य घोषित होते हैं, तो भाजपा अजित पवार का समर्थन ले सकती है। हालांकि शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं दिखते, पर जब उनकी बेटी सुप्रिया सुले का ट्वीट आया तो उन्होंने भी अपना रुख बदलना शुरू कर दिया।
वैसे शरद पवार की बात करें तो पवार ने जब विपक्ष की अडाणी मामले को लेकर जेपीसी की मांग को गलत बताया, तभी से अटकलों का दौर शुरू हो गया था कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है। हालांकि बाद में उन्होंने अपना बयान बदलते हुए यह कहा कि विपक्ष की एकता के लिए वे जेपीसी की मांग का समर्थन कर सकते हैं। लेकिन उसके बाद भतीजे अजित पवार का बयान, फिर उनके साथ एनसीपी के चालीस विधायकों के भाजपा में जाने की अटकलें और फिर उद्धव, राउत के बयानों से महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही हलचल के और तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। आखिर में जब पवार ने यहां तक कह दिया कि पता नहीं महाविकास अघाड़ी कल रहेगी या नहीं, तो अब यह तय माना जा रहा है कि शिंदे गुट के विधायकों की सदस्यता जाने पर भाजपा एनसीपी को तोड़ सकती है या अजित पवार को फिर से डिप्टी सीएम का पद देकर चालीस विधायकों वाली एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। क्या होगा? तब तक नहीं कहा जा सकता, जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता।
- संजय सक्सेना

0/Post a Comment/Comments