सत्यपाल मलिक' के समर्थन में खाप पंचायतों ने मोर्चा खोला...

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर सहित चार प्रदेशों के राज्यपाल रहे 'सत्यपाल मलिक' के समर्थन में खाप पंचायतों ने मोर्चा खोल लिया है। आज थाने के बाहर धरना भी दिया गया। खाप पंचायतों ने कहा है कि यदि मालिक के साथ सरकार ने कुछ भी किया तो ठीक नही होगा। 
मलिक करीब ढाई घंटे तक दिल्ली के आरके पुरम पुलिस थाने में बैठे रहे। पुलिस ने साफ कर दिया था कि पूर्व राज्यपाल को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मलिक के समर्थकों का दावा है कि हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई खापों के प्रतिनिधि आरके पुरम थाने के बाहर एकत्रित हुए। इन प्रतिनिधियों ने कहा, केंद्र सरकार ने अगर मलिक के साथ कुछ भी गलत करने का प्रयास किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सर्वजातीय कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला ने कहा, मलिक ने निडर होकर देश, समाज, किसान, गरीब और मजदूर तबके के हित में आवाज उठाई है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने जैसा साहसिक कार्य उन्हीं के राज्यपाल रहते हुए पूरा हुआ था। सभी खाप व किसान जत्थेदारी, सत्यपाल मलिक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। फिलहाल, खाप प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को सत्यपाल मलिक से जुड़ी कई मांगें पूरी करने का अल्टीमेटम दे दिया है। अगर सरकार, इन मांगों को नहीं मानती है, तो देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
केंद्र सरकार के समक्ष रखी गई हैं ये मांगें
पूर्व राज्यपाल मलिक को संविधान के अनुसार मिलने वाली वे सभी सुविधाएं दी जाएं, जिन्हें केंद्र सरकार ने छीना है। लिहाजा, सत्यपाल मलिक ने अनुच्छेद 370 हटाने का साहसिक कार्य किया है, इस वजह से उनकी जान को खतरा है। उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी मुहैया कराई जाए। अगर मलिक पर कोई हमला होता है, तो उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी। हमला होने की स्थिति में देश शांत नहीं बैठेगा। मलिक ने तथ्यों के साथ, केंद्र सरकार पर जो गंभीर आरोप लगाए हैं, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और विपक्षी दलों से दो-दो सदस्यों की कमेटी बनाकर उसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए। यदि सरकार, इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो सभी खाप पंचायतें आगे की रणनीति तय करेंगी। इस बाबत राष्ट्रपति से मिलकर मांग पत्र सौंपा जाएगा।
हरियाणा के जींद जिले से आए नौगामा खाप के प्रधान दलबीर सिंह बीबीपुर ने बताया, केंद्र सरकार जानबूझकर मलिक को परेशान कर रही है। मलिक ने पुलवामा हमले को लेकर जो खुलासे किए हैं, उससे केंद्र सरकार परेशान हो उठी है। सीआरपीएफ के चालीस जवानों के बलिदान की सच्चाई को देश जानना चाहता है। मलिक ने पुलवामा हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया है, वह सुरक्षा बलों से जोड़ा है। खटखड़ खाप के उपप्रधान लीला छापड़ा बोले, मलिक ने राज्यपाल के पद पर रहते हुए किसानों के समर्थन में आवाज उठाई थी। उसके बाद भी वे लगातार किसानों के हक में बोलते रहे हैं। ये बातें केंद्र सरकार और भाजपा को रास नहीं आ रही। केंद्र सरकार, अपने विरोधी नेताओं के पीछे ईडी और सीबीआई को लगा देती है। अब वही काम मलिक के साथ हो रहा है। किसान वर्ग, मलिक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। सरकार ने मलिक को लेकर कोई भी गलत कदम उठाया तो देशभर के किसान, केंद्र के खिलाफ आंदोलन करने से नहीं चूकेंगे।

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