संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया की कंपनी कांडला एनर्जी एंड केमिकल्स में उसकी पत्नी कंचन संजय प्रकाश राय और मानिक लाल भी डायरेक्टर हैं. कल यूपी एसटीएफ ने संजय शेरपुरिया को विभूति खंड से गिरफ्तार किया था. संजय शेरपुरिया मूलत गाजीपुर का रहने वाला है और दिल्ली में बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं को करीबी बताकर चूना लगा रहा था।
11 करोड़ की वसूली के बाद खुली पोल
संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया ने ईडी की जांच निपटाने के नाम पर 11 करोड़ रुपये लिए थे. उसने किसी को जांच में बचाने के नाम पर तो किसी को खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले. गाजीपुर जिले के शेरपुर गांव का रहने वाला संजय राय दिल्ली में संजय शेरपुरिया के नाम से मशहूर है।
पीएम से लेकर RSS चीफ के साथ तस्वीरें
संजय शेरपुरिया के नाम से ही दिल्ली दरबार के तमाम नेताओं और दिल्ली के हाई प्रोफाइल महफिलों में बैठने लगा. पीएम मोदी से लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्या, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, आरएसएस चीफ मो उपहन भगवत समेत कई प्रभावशाली नेताओं के साथ संजय राय तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करता और खुद को केंद्र सरकार के तमाम बड़े नेताओं का करीबी बताता था। कई मीडिया प्रमुखों और पत्रकारों के साथ भी फोटो पोस्ट किए गए हैं। पीएम की विमान तल पर अगवानी भी करते हुए फोटो है। ये असली हैं या मार्फ किए हुए, पक्का नहीं है। लेकिन एक वीडियो भी आया है जिसमे संजय भाषण दे रहा है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुन रहे हैं, ताली बजा रहे हैं। दैनिक भास्कर में उसके कई लेख भी छपे बताए गए हैं, जिनकी कटिंग उसने खुद पोस्ट की।
गौरव डालमिया की जांच को मैनेज करने का किया था दावा
इतना ही नहीं वो गुजरात में अपनी फैक्ट्री होने का दावा करते हुए गुजरात कनेक्शन का भी ढिंढोरा पीट रहा था. बताया जा रहा है कि ईडी में चल रही गौरव डालमिया की जांच को मैनेज कराने पर के नाम पर इसने 11 करोड़ रुपये लिए थे. 11 करोड़ की रकम गौरव ने अपने फैमिली ऑफिस ट्रस्ट के खाते से संजय राय की यूथ रूरल एंटरप्रेन्योरशिप के खाते में दो बार में डाली थी. 21 जनवरी को 5 करोड़ और 23 जनवरी को 6 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे।
कई फर्जी कंपनियों और एनजीओ से जुड़ा है संजय
इस गोपनीय पत्र पर जांच की गई और जिसके बाद यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के विभूति खंड से संजय शेरपुरिया और नोएडा से काशिफ को गिरफ्तार कर लिया. अब तक की जांच में पता चला है कि संजयशेर पुरिया दिल्ली, गाजीपुर, अहमदाबाद, वडोदरा में कई फर्जी कंपनियां और एनजीओ से जुड़ा था।
खुद को बीजेपी का बड़ा नेता बताता था संजय
कई कंपनियों में संजय शेरपुरिया कागज पर कही नहीं होता, लेकिन जब भी उस कंपनी या एनजीओ का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम होता तो वही उसका मुख्य कर्ताधर्ता रहता था. अपने दिल्ली दरबार में पैठ के दावे के चलते ही इसने अपने गृह जनपद गाजीपुर में भी खुद को बीजेपी का बड़ा नेता बताना शुरू कर दिया था. कई सार्वजनिक कार्यक्रम करवाता.
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