भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप प्रकरण में उच्च न्यायालय इंदौर में गुरुवार को जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के समक्ष आरोपी आरती दयाल, श्वेता विजय जैन की तरफ से अधिवक्ता यावर खान उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि आरती दयाल की कार, श्वेता जैन के बैंक खातों को डिफ्रीज करने के आदेश दिए जाएं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बैंक खातों में उनका पैसा जमा है। इस दौरान रोचक मोड़ तब आया जब एक अन्य याचिकाकर्ता आरती दयाल की मकान मालिक अनामिका की ओर से पेश की गई। जिसमें उन्होंने कहा कि उनके मकान पर पुलिस ने ताला लगा रखा है। जिसकी चाबी दिलवाई जाए। इस पर कोर्ट ने उनसे पूछा कि उक्त मकान में कौन रह रहा था? इस पर अनामिका के वकील ने बताया कि आरती दयाल रह रही थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने ताला लगा रखा है। तभी कोर्ट के समक्ष कुछ विरोधाभास तक्ष्य आए। इस पर कोर्ट ने पूछा कि आरती दयाल जिंदा है कि नहीं? इस बात की पुष्टि करा ली जाए। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिए कि जांच करें कि आरती दयाल जिंदा है या नहीं? इस पर आरती दयाल की ओर से अधिवक्ता यावर खान उपस्थित हुए और बताया कि उनकी पक्षकार जीवित है और उसका सुपुर्दनामा आवेदन पेंडिंग है, जिस पर आदेश दिए जाएं। फिर कोर्ट ने कुछ दस्तावेजों की पूर्ति के लिए पेशी बढ़ा दी। अब सुनवाई पर इसका फैसला होगा।
यह है मामला : चार आरोपियों में श्वेता स्वप्निल हो चुकी दोषमुक्त
2019 में हनी ट्रैप मामला उजागर होने के बाद राजगढ़ की छात्रा मोनिका यादव के पिता हीरालाल की शिकायत CID भोपाल ने श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल, अभिषेक पर धारा-370, 370 ए और 120 बी के तहत केस दर्ज किया था। इन पर मोनिका की तस्करी कर उसका शोषण कराने का आरोप था।
2019 में हनी ट्रैप मामला उजागर होने के बाद राजगढ़ की छात्रा मोनिका यादव के पिता हीरालाल की शिकायत CID भोपाल ने श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल, अभिषेक पर धारा-370, 370 ए और 120 बी के तहत केस दर्ज किया था। इन पर मोनिका की तस्करी कर उसका शोषण कराने का आरोप था।
आरोपी पक्ष एसआईटी की जांच पर उठा चुकी सवाल
आरोपी पक्ष के वकील यावर खान पूर्व में एसआईटी की जांच पर सवाल उठाया। कहा- कि टीम ने गलत सीडी की जांच कराई है। इसी कारण एसआईटी जानबूझकर वह सीडी व उसकी जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में नहीं दे रही है। यावर खान ने बताया कि प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) पूर्व सीएम कमलनाथ से कथित सीडी-पेन ड्राइव अब तक हासिल नहीं कर सकी है।
आरोपी पक्ष के वकील यावर खान पूर्व में एसआईटी की जांच पर सवाल उठाया। कहा- कि टीम ने गलत सीडी की जांच कराई है। इसी कारण एसआईटी जानबूझकर वह सीडी व उसकी जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में नहीं दे रही है। यावर खान ने बताया कि प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) पूर्व सीएम कमलनाथ से कथित सीडी-पेन ड्राइव अब तक हासिल नहीं कर सकी है।
Post a Comment