व्यापमं घोटाले की तर्ज पर MP बोर्ड पेपर लीक कांड, उच्च स्तर पर भी लापरवाही सामने आई, 18 लाख 22 हजार स्टूडेंट का भविष्य दांव पर

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के दामन से व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाले का दाग अभी पूरी तरह धुला नहीं है। यही नहीं असल किरदार तो बचा लिए गए, शायद यही वजह है कि न केवल बदले नाम पीईबी में अपितु बोर्ड में भी फिर से घोटालों का सिलसिला चल निकला है।अब तो मंत्री तक कटघरे में आ गए हैं। प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सबसे फ्लॉप और नकारा साबित हुए हैं। 
 माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10-12वीं के पेपर लीक मामले लगातार सामने आ रहे है। दोनों ही परीक्षाओं में शामिल प्रदेश के 18 लाख 22 हजार स्टूडेंट का भविष्य दांव पर है। गौर से देखें, तो व्यापमं घोटाला और एमपी बोर्ड पेपर लीक में बड़ा कनेक्शन है। व्यापमं घाेटाले में विभाग से जुड़े लोग शामिल रहे। वहीं, एमपी बोर्ड पेपर लीक को भी विभाग से जुड़े लोगों ने ही अंजाम दिया है। मामले में शनिवार को 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
एमपी बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षा शुरू होने के साथ ही खबरें आने लगी कि पेपर लीक किया जा रहा है। हालांकि इसे अफवाह बताया गया। शिक्षा मंडल ने भले ही नकार दिया हो, लेकिन उसने 9 केंद्राध्यक्षाें और सहायक केंद्राध्यक्षों को परीक्षा की विश्वसनीयता भंग करने के आरोप में सस्पेंड कर दिया। इसके बाद मंडल पर सवाल खड़े हो गए। इसी बीच, शनिवार को भोपाल में केन्द्राध्यक्ष, सहायक केन्द्राध्यक्ष के साथ दो पर्यवेक्षक (सरकारी स्कूल के शिक्षक) को पेपर लीक करने आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी गिरफ्तारी से साफ है कि पेपर विभाग के ही कर्मचारी-अधिकारी की मिलीभगत से लीक हुए।

व्यापमं, एमपी बोर्ड पेपर लीक कांड में समानता

व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षाओं की शिकायतें सामने आती थीं। शुरू में इसे अफवाह बताकर पल्ला झाड़ते रहे। दबाव बनने पर जांच के नाम पर मामला बढ़ा दिया जाता। वजह साफ थी कि घोटाले में व्यापमं के सीनियर अफसर शामिल रहे। बाद में जांच के लिए गठित एसटीएफ ने इन्हें दबोचा।

इसी तरह, माध्यमिक शिक्षा मंडल के अफसर पेपर लीक होने की सूचना अफवाह बताते रहे। यही नहीं, मंडल ने क्राइम ब्रांच में एफआईआर तक करा दी। पुलिस ने शनिवार को मंडीदीप से कौशिक दुबे को सोशल मीडिया पर बोर्ड एग्जाम का पेपर बेचने के आरोप में पकड़ा। थोड़ी देर बाद पुलिस ने भोपाल के छोला इलाके विद्यासागर स्कूल परीक्षा केंद्र से चार लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और दो पर्यवेक्षक शामिल रहे। दोनों पर्यवेक्षक एग्जाम शुरू होने से आधा घंटे पहले ही पेपर वॉट्सएप ग्रुप में सेंड कर देते थे।

पेपर लीक कांड में विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कटघरे में - 

  • हुकुम चंद लिटोरिया, प्रचार्य, शासकीय हाई स्कूल सिगौरा ब्लॉक घाटीगांव, ग्वालियर।
  • बल सिंह चौहान, शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोकराटा, बड़वानी।
  • दिलीप सिंह अवस्या, शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लिंबी, बड़वानी।
  • रमाशंकर अहिरवार, टीचर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक ईंटखेड़ी, रायसेन।
  • निर्भय सिंह मवैदी, टीचर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक बीकलपुर, रायसेन।
  • रेखा बैरागी, टीचर, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जीरापुर राजगढ़।
  • राम सागर शर्मा, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, राजगढ़।
  • विवेक कुमार लिटोरिया, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ग्वालियर।
  • धनराज पाटीदार, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीपल्याकुलसी, राजगढ़।
  • पवन सिंह, विद्यासागर स्कूल परीक्षा केंद्र का पर्यवेक्षक, भोपाल
  • विश्वनाथ सिंह, विद्यासागर स्कूल परीक्षा केंद्र का पर्यवेक्षक, भोपाल
  • राजकुमार सक्सेना, केन्द्राध्यक्ष।
  • रेखा गोयल, सहायक केन्द्राध्यक्ष।

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