गुजरात के निलंबित IAS के खिलाफ 15 साल में दर्ज हुआ 12वां केस, फिर पहुंचे जेल, आईएएस प्रदीप शर्मा..

अहमदाबाद: 1984 बैच के आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। निलंबित आईएएस अधिकारी शर्मा को नए मामले में फिर से जेल जाना पड़ा है। ताजा मामले में शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने 2004-2005 के दौरान बतौर कच्छ कलेक्टर कम कीमत पर भूमि आवंटित की। जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। इस नए मामले के सामने आने के बाद गुजरात सीआईडी ने पिछले रविवार को उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया। निलंबित आईएएस शर्मा के खिलाफ यह पिछले 15 सालों में 12वां केस दर्ज हुआ है।

गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप शर्मा के भाई कुलदीप शर्मा आईपीएस अधिकारी थे। बाद में वह राजनीति में उतरे और कांग्रेस से जुड़ गए थे। शर्मा अपने खिलाफ दर्ज होने के मामलों पर कई बार चुप्पी तोड़ चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें जबरदस्ती फंसाया जा रहा है।
निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा 2003 से लेकर 2006 तक कच्छ जिले के कलेक्टर रहे। इस दौरान उन्होंने अनियिमिता की। जिस मामले में शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह मामले नवंबर, 2004 से मई 2005 के बीच का है। गुजरात सरकार के लंबे समय तक नौकरशाह रहे प्रदीप शर्मा के लिए यह पहली परेशनी नहीं है। इससे पहले वे गुजरात की एंटी करप्शन ब्यूरो और सीबीआई के साथ ईडी की जांच और कार्रवाई का सामना कर चुके हैं। 2014 में एसीबी ने शर्मा के खिलाफ एक कारपोरेट समूह से 29 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। तब ये आरोप लगा था कि शर्मा ने 2004 ने एक समूह को बाजार मूल्य से कम पर जमीन देने से सरकार को 1.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 
कई बार जेल जा चुके निलंबित आईएएस प्रदीप शर्मा को पांच साल पहले अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ा था। शर्मा को गुजरात हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत दी थी। शर्मा जैसे ही साबरमती जेल से बाहर आए थे। वैसे ही उन्हें एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। शर्मा इसके बाद अमेरिका में अपने बेटे की शादी को ऑनलाइन भी नहीं देख पाए थे। 

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