CBI और NIA से भी ज्यादा पावर ED के पास
आपको 2020 का वो किस्सा तो याद होगा, जब एक के बाद एक 8 राज्यों ने CBI को अपने यहां बिना परमिशन घुसने से रोक दिया था। इनमें पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, केरल और मिजोरम जैसे राज्य शामिल थे।
मतलब साफ है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के तहत बनी CBI को किसी भी राज्य में घुसने के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है। हां, अगर जांच किसी अदालत के आदेश पर हो रही है तब CBI कहीं भी जा सकती है। पूछताछ और गिरफ्तारी भी कर सकती है। करप्शन के मामलों में अफसरों पर मुकदमा चलाने के लिए CBI को उनके डिपार्टमेंट से भी अनुमति लेनी होती है।इसी तरह नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी यानी NIA को बनाने की कानूनी ताकत NIA Act 2008 से मिलती है। NIA पूरे देश में काम कर सकती है, लेकिन उसका दायरा केवल आतंक से जुड़े मामलों तक सीमित है।
इन दोनों से उलट ED केंद्र सरकार की इकलौती जांच एजेंसी है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में नेताओं और अफसरों को तलब करने या उन पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं है। ED छापा भी मार सकती है और प्रॉपर्टी भी जब्त कर सकती है। हालांकि, अगर प्रॉपर्टी इस्तेमाल में है, जैसे मकान या कोई होटल तो उसे खाली नहीं कराया जा सकता।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में ED जिसे गिरफ्तार करती है, उसे जमानत मिलना भी बेहद मुश्किल होता है। इस कानून के तहत जांच करने वाले अफसर के सामने दिए गए बयान को कोर्ट सबूत मानता है, जबकि बाकी कानूनों के तहत ऐसे बयान की अदालत में कोई वैल्यू नहीं होती।
प्रमुख मामले -
नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया और राहुल गांधी
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।
अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी। ED इस मामले में सोनिया और राहुल से कई बार पूछताछ कर चुकी है।
दिल्ली शराब घोटाला : मनीष सिसोदिया
22 जुलाई 2022 को दिल्ली के उप राज्यपाल ने नई शराब नीति में नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की। 19 अगस्त को CBI ने शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया के आवास समेत 21 जगहों पर छापेमारी की।
जमीन की हेरफेर : संजय राउत
ED ने महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना नेता संजय राउत को 1 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। राउत पर मुंबई के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के एक चॉल में 672 फ्लैटों के पुनर्निमाण के मामले में जमीन की हेरफेर का आरोप है।
INX मीडिया: पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम
INX मीडिया मामला भी इसका एक उदाहरण है। पी. चिदंबरम पर न केवल विदेशी निवेश के लिए INX मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड यानी FIPB से मंजूरी दिलाने में रिश्वत लेने का आरोप लगा बल्कि CBI ने उन्हें गिरफ्तार भी किया।ED ने चिदंबरम से पूछताछ भी की थी। इसी मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति भी गिरफ्तार हो चुके हैं।
आय से अधिक संपत्ति: डीके शिवकुमार
3 सितंबर 2019 को ED ने कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को टैक्स चोरी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 दिन तक पूछताछ हुई थी।
MSC बैंक : शरद पवार
ED ने NCP प्रमुख पवार को महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक यानी MSC में 2,500 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड के संबंध में समन जारी किया और उन्हें घोटाले का प्रमुख खिलाड़ी बताया।
मनी लॉन्ड्रिंग : प्रफुल्ल पटेल
NCP के एक अन्य नेता प्रफुल्ल पटेल से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची की अवैध संपत्ति से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूछताछ की गई थी।
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